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प्रवीण प्रभाकर की आजसू में हुई घर वापसी, कहा- AJSU के बिना झारखंड की कल्पना संभव नहीं 

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द फॉलोअप डेस्क, रांची 

झारखंड आंदोलनकारी नेता प्रवीण प्रभाकर ने रविवार को आजसू में घर वापसी की। रांची के पार्टी कार्यालय में आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो ने प्रवीण प्रभाकर को आजसू की सदस्य्ता दिलाई। पार्टी की सदस्य्ता लेने के बाद प्रवीण प्रभाकर ने कहा झारखंड अलग राज्य आंदोलन की इतिहास में आजसू की महत्वपूर्ण भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। पार्टी के गठन से लेकर राज्य गठन तक आजसू ने हर कदम पर अपने संघर्ष और योगदान से राज्य के भविष्य को आकार देने में अहम भूमिका निभाई है। 

आजसू ने 1986 में अपनी स्थापना की और इसके बाद पार्टी ने झारखंड की मांग को लेकर निर्णायक कदम उठाए। 1989 में केंद्र सरकार से वार्ता करके, आजसू ने झारखंड के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर उठाया। इसके परिणामस्वरूप, झारखंड विशेष समिति का गठन किया गया, जिसमें आंदोलनकारियों को भी बुलाया गया। समिति की रिपोर्ट में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया कि झारखंड की समस्याओं का समाधान किया जाए।

प्रवीण प्रभाकर ने कहा कि 2000 में झारखंड राज्य का गठन हुआ और यह कहना गलत नहीं होगा कि यह एक लंबी और कठिन यात्रा का परिणाम था। हालांकि, इस आंदोलन में आजसू ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, लेकिन 1999 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आजसू को राज्य गठन के संदर्भ में प्रस्ताव भेजा। आजसू ने NDA का साथ देते हुए झारखंड के अलग राज्य के निर्माण में अपनी पूरी ताकत झोंकी, और अंततः झारखंड राज्य का सपना पूरा हुआ। आजसू की यह ऐतिहासिक भूमिका झारखंड के इतिहास में हमेशा याद रखी जाएगी, क्योंकि इसने न केवल राज्य गठन की प्रक्रिया को गति दी, बल्कि झारखंड के समग्र विकास की दिशा में भी अहम योगदान दिया।

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