logo

रांची : बेटी का मैच देखने भुवनेश्वर जाना चाहती है अनीता की मां, इसलिए आंचल फैला लोगों से मांग रही चंदा 

AANCHAL.jpg

रांचीः 
ऊपर तस्वीर में अपनी साड़ी का आंचल फैलाए लोगों से पैसे मांगती दिख रही यह महिला अनिता की मां आशा देवी है। वही अनीता जो इंटरनेशनल फुटबॉल खिलाड़ी है।  इस वक्त अनीता फीफा अंदर 17 वर्ल्ड कप मैच खेल रही है। अनीता से आप सब अच्छी तरह परिचित हैं, हमने आपको अनीता की कहानी पहले भी द फॉलोअप पर दिखाई है। उस वीडियो में हमने आपको दिखाया था कि अनीता की मां ने किस तरह माड़ भात खिलाकर अपनी बेटी को इस मुकाम तक पहुंचाया है। वह वीडियो दिखाए जाने के बाद यह बदलाव जरूर हुआ कि अनीता की मां दिहाड़ी मजदूरी के बजाए अब एक चमचमाते ऑफिस में काम करती है।

 

लेकिन आर्थिक स्थिती में अभी भी कुछ बदलाव नहीं आया है। अनीता की मां अपनी ही बेटी का मैच देखने के लिए पैसे जुटा रही है। वह घर घर घूम कर चंदा इक्टठा कर रही है। आंचल फैला रही है और कह रही है कि पैसों  से हमारी कुछमदद कर दीजिए ताकि मैं अपनी बेटी का मैच देखने के लिए भुवनेश्वर जा सकूं। कुछ लोग मदद कर भी रहे हैं। लेकिन लाख कोशिशों के बाद भी अनीता की मां और बाकि लोग सिर्फ 800 रुपये ही जुटा पाए हैं। चुंकी गांव में सभी लोग गरीब परिवार से ही ताल्लुक रखते हैं इसलिए कोई 50, कोई 20 तो कोई 100 ही मदद कर पाया। 

 

अनीता के मां के साथ उसके कोच भी चंदा मांग रहे हैं। उन्होंने बताया कि  अनीती की मां, पिता ,दोस्त और मैं खुद भी स्टेडियम में जाकर मैच देखना चाहता हूं। इसके लिए काफी खर्च लगेगा। चुंकी हम 15 लोग जाना चाहते हैं तो करीब 25 से 30 हजार का खर्च आएगा। अगर गांव के लोग, या कोई बड़े लोग हमारी थोड़ी मदद कर दें और पैसे की जुगाड़ हो जाए तो हम सब मैच देखने जा सकेंगे और अनीता और बाकी झारखंड के खिलाड़ियों का हौसला बढ़ा सकेंगे। हालांकि इतने संघर्ष के बाद भी अनीता की मां खुश हैं। वह कहती हैं कि मैं जब ऑफिस जाती हूं सोफे पर बैठती हूं तो ऐसा लगता है जैसे कोई सपना देख रही हूं। पहले किसी के घर पर सोफा देखती थी तो बैठने का मन करता था लेकिन फिर रूक जाती थी कि कहीं ये लोग मुझे डांट ना दें। 

 

लेकिन आज मैं एक अच्छे ऑफिस में काम भी कर रही हूं और सोफे पर बैठ भी रही हूं और यह सब मेरी बेटी की वजह से संभव हो पाया है। मुझे गांव के लोग कहते हैं कि जिन लोगों का बेटा है वह भी अपने माता पिता को इस मुकाम तक ना ला पाया लेकिन तुम्हारी बेटी ने यह सब कर दिखाया कि आज तुम एक अच्छे दफ्तर में काम करती हो। फिलहाल हम सब यही उम्मीद कर रहें है कि कोई ना कोई समाज सेवी सामने आएगा और अनीता की मां की मदद करेगा उन्हें कुछ आर्थिक सहयोग देगा ताकि वह अपनी बेटी का मैच लाइव देख सकें।