द फॉलोअप टीम, रांचीः
लोअर बाजार थाना क्षेत्र के रतन पुलिस पोस्ट के समीप रहने वाला मो आफताब 13 अक्टूबर से लापता था। आखिरकार आफताब मिला लेकिन कंकाल के रूप में। उदरअसल 13 अक्तूबर को युसुफ, सद्दाम व बिट्टू ने उसका अपहरण किया था। उसके कुछ दिन बाद उसकी हत्या कर दी थी, हत्या के बाद मो आफताब का शव आरोपियों ने एक ट्रॉली बैग में पैक किया और पतरातू घाटी ले गये। वहां शव को बैग सहित जला दिया और वापस आ गये। युसुफ की गिरफ्तारी के बाद पूरे मामले का खुलासा हुआ।
पैसे उधार लिए थे आफताब ने
पुलिस के अनुसार मो आफताब ने युसुफ से कुछ पैसे लिये थे। जब युसुफ ने मो आफताब से पैसे मांगे, तो उसने पैसे नहीं लौटाये। इसके बाद युसुफ ने अपने दोस्तों के साथ उसकी हत्या कर दी। 13 अक्टूबर को जब मो आफताब घर से लापता हुआ तो घर वालों ने इस बाबत पुलिस के पास गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। पुलिस ने जांच शुरू की तो सीसीटीवी भी खंगालना शुरू किया, फुटेज चेक किया तो पाया कि युसुफ के साथ बाइक पर बैठकर मो आफताब जा रहा है। इसके बाद मामले का खुलासा हुआ। पुलिस ने शनिवार को पतरातू घाटी से जले हुए बैग का अवशेष व कुछ हड्डी जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी भेज दिया है।
दो आरोपी पहले से जेल में है
लोअर बाजार थाना प्रभारी दयानंद कुमार ने बताया कि जांच के क्रम में सीसीटीवी फुटेज में देखा गया कि मो आफताब युसुफ की बाइक पर बैठकर जा रहा था। इसलिए शक की सबसे पहली सुई युसुफ पर गई। उसको पकड़ कर पुलिस ने पूछताछ की। उसने बताया कि कोकर निवासी सद्दाम व बिट्टू के साथ मिलकर उसने मो आफताब का अपहरण किया था। इसके बाद उसे सद्दाम के घर में रखा। कुछ दिनों बाद उसकी हत्या कर दी। हत्या करने के बाद शव को ठिकाना लगाने के लिए ट्रॉली बैग में शव को पैक कर एक कार से पतरातू घाटी ले गये। वहां जाकर बैग को शव सहित जला दिया। सद्दाम व बिट्टू को लोअर बाजार पुलिस ने कुछ दिन पहले बाइक चोरी के मामले में गिरफ्तार किया था। दोनों वर्तमान में जेल में हैं।
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