रांची
मांडर विधानसभा क्षेत्र की सरवा पंचायत की मुखिया प्रभा किस्फोट्टा के निलंबन के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर बैठे मुखिया संघ के लोगों से नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी ने मुलाकात की। उन्होंने सरवा पंचायत की मुखिया के साथ हुई घटना की विस्तृत जानकारी ली। प्रभा किस्फोट्टा ने आरोप लगाया कि उन्हें साजिश के तहत मांडर विधायक शिल्पी नेहा तिर्की एवं उनके पिता पूर्व विधायक बंधु तिर्की ने दबाव बनाकर निलंबित करवा दिया। जबकि उनके पंचायत में कई वर्षों से किसी प्रकार का कोई भी विकास कार्य नहीं किया जा रहा। ऐसे में जब इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों से की गई तो साजिश के तहत निलंबित करवा दिया।
प्रभा किस्फोट्टा ने बताया कि ग्राम पंचायत सरवा के अन्तर्गत ग्राम पचपदा में सरना स्थल का कल्याण विभाग से सौदर्यकरण का कार्य स्वीकृत हुआ था। जिसका शिलान्यास का कार्यक्रम दिनांक 04.09.2023 को निर्धारित था। जिसमें मुख्य अतिथि सासंद सुदर्शन भगत को बुलाया गया था। उनके द्वारा विधिवत रूप से शिलान्यास का कार्यक्रम किया गया। इस बात से विधायक शिल्पी नेहा तिर्की और उनके पिता बंधु तिर्की खफा थे। उनको पद से हटाने की धमकी दी। 04.07.24 को उपायुक्त कार्यालय स्पष्टीकरण हेतु चिट्ठी निकाला गया जिसमें 15 दिनों के अन्दर मुझे अपना पक्ष रखने का समय दिया गया। लेकिन उपायुक्त ने 5 दिनो के अंदर ही निलंबित कर दिया।
मौके पर अमर कुमार बाउरी ने कहा कि यह सरकार पूरी तरह से आदिवासी विरोधी सरकार है। मुखिया के पद पर एक आदिवासी महिला है। लेकिन यह दमनकारी सरकार सत्ता के नशे में चूर किसी भी असंवैधानिक कार्य करने से नही चूक रही। उन्होंने कहा कि एक मुखिया जो यहां के स्थानीय विधायक की बात नही सुन रही उनके आगे पीछे नही घूम रही तो इसका बदला उन्हें निलंबित कर ले रहे। यह तानाशाही और हिटलरशाही भारतीय जनता पार्टी नही चलने देगी। इस लड़ाई में भाजपा निलंबित मुखिया और मुखिया संघ के साथ है। जरूरत पड़ी तो राज्य के सभी मुखिया इस लड़ाई में एकजुट होकर सरकार को घेरने का काम करेगी।