द फॉलोअप डेस्क
भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान ने पहली बार सार्वजनिक रूप से यह स्वीकार किया है कि ऑपरेशन सिंदूर के शुरुआती चरण में भारत को कुछ सामरिक गलतियों के चलते हवाई संपत्तियों का नुकसान हुआ था। ब्लूमबर्ग टीवी को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि हालात को जल्द संभाल लिया गया और 48 घंटे के भीतर भारत ने फिर से सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। सिंगापुर में चल रहे शांगरी-ला डायलॉग के दौरान शनिवार को दिए गए इस इंटरव्यू में जनरल चौहान ने कहा, "मामला यह नहीं है कि कोई जेट गिरा, असल बात यह है कि वो क्यों गिरा।"
पाकिस्तान की ओर से छह भारतीय लड़ाकू विमानों को गिराने के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने इसे सिरे से खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, "भारत के छह जेट खोने का पाकिस्तान का दावा पूरी तरह गलत है।"
जनरल चौहान ने यह भी कहा कि विमानों के गिरने के पीछे क्या गलतियां थीं, इस पर ध्यान देना जरूरी है, न कि केवल आंकड़ों पर। उन्होंने आगे बताया कि नुकसान के बाद भारतीय वायुसेना ने तेज़ी से हालात का विश्लेषण कर जरूरी सुधार किए और महज दो दिन के भीतर लंबी दूरी के हमले दोबारा शुरू कर दिए।
उनके शब्दों में, "सबसे अहम बात यह है कि हम अपनी रणनीतिक भूल को पहचाने, उसे सुधारा और फिर दोबारा प्रभावी कार्रवाई करने में सक्षम रहे।" जनरल चौहान की यह टिप्पणी 6 और 7 मई की रात पाकिस्तान के साथ हुई झड़पों में भारत के सैन्य नुकसान पर किसी वरिष्ठ भारतीय अधिकारी की पहली औपचारिक स्वीकारोक्ति मानी जा रही है।