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उपसभापति हरिवंश ने ब्रिक्स में वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और स्थिरता पर रखे विचार

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द फोलअप डेस्क 
ब्रासीलिया में आयोजित 11वें ब्रिक्स संसदीय मंच में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने वैश्विक स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर भारत का पक्ष रखा। उन्होंने मंच के दो सत्रों को संबोधित किया—बुधवार को वैश्विक स्वास्थ्य पर और गुरुवार को जलवायु परिवर्तन व स्थिरता पर। भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला कर रहे हैं। प्रतिनिधिमंडल में सांसद सुरेंद्र सिंह नगर, विवेक ठाकुर, लोकसभा महासचिव उत्पल कुमार सिंह और राज्यसभा महासचिव पी.सी. मोदी भी शामिल हैं।


जलवायु पर भारत की भूमिका रेखांकित
जलवायु परिवर्तन पर अपने संबोधन में उपसभापति हरिवंश ने कहा कि भारत की सभी जलवायु नीतियाँ समानता और साझा जिम्मेदारियों के सिद्धांत पर आधारित हैं। उन्होंने बताया कि भारत ने आर्थिक विकास के साथ-साथ कार्बन उत्सर्जन में उल्लेखनीय कमी की है। “2005 से 2020 के बीच भारत के सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता में 36% की गिरावट आई है,” उन्होंने कहा। हरिवंश ने आगे बताया कि भारत ने अब तक 232 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली उत्पादन क्षमता स्थापित की है, जिससे उसने अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के लक्ष्यों को तय समय से लगभग आठ वर्ष पहले ही हासिल कर लिया है।
उन्होंने आशा जताई कि ब्राजील में होने वाला आगामी COP30 सम्मेलन वैश्विक अनुकूलन और लचीलापन प्रयासों में मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही, उन्होंने ब्रिक्स देशों से अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन, उद्योग परिवर्तन के लिए नेतृत्व समूह और वैश्विक जैव-ईंधन गठबंधन जैसे मंचों से जुड़ने की अपील की।


वैश्विक स्वास्थ्य: समन्वित प्रयासों की आवश्यकता
बुधवार को अपने पहले संबोधन में हरिवंश ने उभरती स्वास्थ्य चुनौतियों, विशेष रूप से उपेक्षित उष्णकटिबंधीय रोगों की ओर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि इन रोगों का प्रभाव निम्न और मध्यम आय वाले देशों में सबसे अधिक है और इनके समाधान के लिए वैश्विक समन्वय ज़रूरी है। भारत की स्वास्थ्य क्षेत्र में पहलों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना दुनिया की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य बीमा योजना है, जो 15.5 करोड़ से अधिक परिवारों को 6000 अमेरिकी डॉलर तक की चिकित्सा लागत का कवरेज देती है।” उन्होंने बताया कि इस योजना के चलते व्यक्तिगत स्वास्थ्य खर्च में 30% तक की कमी आई है और अब इसे 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों तक विस्तारित किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने डिजिटल स्वास्थ्य को सशक्त बनाने के लिए ‘आयुष्मान भारत डिजिटल हेल्थ मिशन’ की शुरुआत की है, साथ ही स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे, रोग निगरानी और अनुसंधान में कमियों को दूर करने के लिए व्यापक योजना लागू की जा रही है।
ब्रिक्स मंच पर व्यापक विमर्श
ब्रिक्स संसदीय मंच में ‘आर्थिक विकास के नए रास्ते’, ‘समावेशी और उत्तरदायी कृत्रिम बुद्धिमत्ता’, और ‘बहुपक्षीय शांति व सुरक्षा संरचना में सुधार’ जैसे विषयों पर भी प्रतिनिधियों के बीच विस्तृत चर्चा हो रही है। भारत की सक्रिय भागीदारी इन वैश्विक मुद्दों पर साझा दृष्टिकोण को मजबूती दे रही है।

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