रांचीः
छठी जेपीएससी मामले में सुप्रीम कोर्ट दायर एसएलपी पर सुनवाई हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है। अब 326 अभ्यर्थियों की नौकरी सुरक्षित रह सकती है। मालूम हो प्रार्थियों ने छठी जेपीएससी के संशोधित रिजल्ट को चुनौती दी थी। झारखंड हाईकोर्ट ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट को रद्द कर दिया था और नई मेरिट लिस्ट जारी करने को कहा था। JPSC ने नई संशोधित मेरिट लिस्ट जारी की थी। जिसके बाद 60 अभ्यर्थी सूची से बाहर हो गए थे। इसके बाद उनलोगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी।
क्या हुआ था पिछली सुनवाई में
28 जुलाई को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। प्रतिवादी की ओर से वरीय अधिवक्ता गोपाल शंकर नारायण ने कहा था कि वर्ष 2018 में झारखंड हाइकोर्ट ने जोय गुड़िया के मामले में जो फैसला दिया था, वह आज भी मान्य है। उसमें जेपीएससी ने स्पष्ट स्टैंड लिया था कि अभ्यर्थी को प्रत्येक पेपर में पास होना जरूरी है। हाइकोर्ट के एकल पीठ के फैसले की जानकारी आयोग व अभ्यर्थियों को भी थी। इस फैसले को किसी पक्ष ने चुनौती नहीं दी थी। शंकर नारायण ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का उदाहरण देते हुए कहा कि छठी जेपीएससी के विज्ञापन व नियमावली के अनुसार अभ्यर्थियों को सभी पेपर में न्यूनतम पास मार्क्स लाना जरूरी है। क्वालिफाईंग पेपर का मार्क्स मुख्य परीक्षा में जोड़ना गलत है. जेपीएससी ने पूर्व में जो स्टैंड लिया था, उसे रिजल्ट बनाते समय बदल दिया।
कई अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में नहीं बुलाया
वही पूरी प्रक्रिया को रद्द करने की मांग कर रहे प्रतिवादी दिलीप कुमार सिंह की ओर से अधिवक्ता सुभाशीष रसिक सोरेन ने पक्ष रखते हुए खंडपीठ को बताया कि छठी जेपीएससी की मुख्य परीक्षा के बाद जेपीएससी ने कई अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में नहीं बुलाया था। साक्षात्कार से वंचित अभ्यर्थियों का साक्षात्कार लिया जाये। उसके बाद संशोधित रिजल्ट जारी हो। श्री सोरेन ने लिखित रूप से पक्ष रखा। क्वालिफाईंग पेपर का मार्क्स अब तक किसी भी सिविल सेवा परीक्षा में नहीं जोड़ा गया है। वहीं प्रार्थियों की ओर से वरीय अधिवक्ता पीएस पटवालिया व वरीय अधिवक्ता वी मोहना ने प्रतिवादियों के जवाब पर बताया कि पूर्व में भी कुल मार्क्स के आधार पर रिजल्ट जारी हुआ है। सातवीं जेपीएससी का रिजल्ट भी पूर्व की तरह ही निकाला गया है।
इन्होंने दायर की है एसएलपी
प्रार्थी फैजान सरवर, वरुण कुमार व अन्य की ओर से एसएलपी दायर कर झारखंड हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी। . हाइकोर्ट की एकल पीठ ने छठी जेपीएससी की मेरिट लिस्ट व अनुशंसा को रद्द कर अनुशंसित 326 अभ्यर्थियों की नियुक्ति को अमान्य घोषित कर दिया था।