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भोपाल : रेप के बाद बच्ची को दोषी ने जिंदा छोड़ दिया, वह दयालु है...इसलिए उसकी सजा कम की जाएगी

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भोपालः 
मध्यप्रदेश में हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एक रेपिस्ट की सजा सिर्फ इसलिए कम कर दी क्योंकि उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसे जिंदा छोड़ दिया। कोर्ट ने दोषी की सजा आजीवन कारावास से घटाकर 20 साल की जेल की सजा कर दी है। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि दोषी ने रेप के बाद 4 साल की बच्ची को जिंदा छोड़ दिया, ये उसकी दयालुता थी। इसलिए उसकी सजा कम की जा सकती है। हाईकोर्ट की इस टिप्पणी की अब हर तरफ चर्चा हो रही है। 


दोषी ने दयालुता दिखाई 
दोषी ने अनुरोध किया था कि उसने 15 साल जेल में काट लिए हैं। इसे पर्याप्त माना जाए। न्यायमूर्ति सुबोध अभ्यंकर और न्यायमूर्ति सत्येंद्र कुमार की पीठ ने आगे कहा कि, “चुंकि रेप के बाद अभियोजक ने बच्ची को जिंदा छोड़ दिया, ये उसकी दयालुता थी, इसीलिए आजीवन कारावास की उसकी सजा को कम किया जा सकता है. हालांकि उसे 20 साल कठोरतम सजा काटनी होगी.” गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 28 सितंबर 2022 को इस मामले में बहस सुनकर फैसला सुरक्षित रख लिया था जो हाल ही में जारी हुआ है। अब उम्रकैद की जगह दोषी को 20 वर्ष का कठोर कारावास हो गया है। अगले पांच साल तक वह जेल में ही रहेगा।


2007 की घटना है
दोषी राम सिंह ने 31 मई 2007 को एक मासूम बच्ची के साथ रेप किया था। पुलिस ने उसे घटना वाले दिन ही गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद जिला एवं सत्र न्यायालय से उसे 25 अप्रैल 2009 को उम्र कैद की सजा हुई थी। हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने आरोपी की सजा अब कम कर दी है। उम्रकैद की सजा के बाद आरोपी ने हाईकोर्ट का रूख किया था। साथ ही उसने सजा कम करने की अपील की थी। पहले अदालत ने इसके राक्षसी कृत्य को देखते हुए इसे अस्वीकार कर दिया था। वह 15 साल से जेल में है। आरोपी राम सिंह मूल रूप से झाबुआ का रहने वाला है।