द फॉलोअप डेस्क
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह (Ram Mandir consecration) में कांग्रेस के साथ कई अन्य पार्टियों ने भी उद्घाटन समारोह में जाने से इनकार कर दिया है। इसे लेकर सियासत गरमा गयी है। BJP ने इन पार्टियों को निशाने पर लिया हैं। प्राण प्रतिष्ठा समारोह में जाने को लेकर अलग-अलग पार्टियों ने अलग-अलग तर्क देकर जाने से इनकार कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सोनिय़ा गांधी ने पहले ही निमंत्रण अस्वीकार कर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि ये धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि BJP और आरएसएस का कार्यक्रम है। इसलिए वे समारोह में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। BJP ने इस पर उलटवार करते हुए कहा है कि कांग्रेस दर असल राम मंदिर के निर्णाण से ही घबरायी हुई है। कहा है कांग्रेस को ऐसे समय में भी राजनीति की पड़ी है।
कांग्रेस के साथ इन पार्टियों ने किया इनकार
प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस के साथ ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस, अखिलेश यादव की सपा, उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना औऱ वाम दल सीपीएम ने जाने से इनकार किया है। ममता बनर्जी ने कहा है कि वे राम और हिंदू धर्म का सम्मान करती हैं, लेकिन वे ऐसे किसी भी आयोजन में शिरकत नहीं करेंगी, जिससे सामाजिक सौहार्द में दरार पड़ती है। ममता ने कहा कि BJP ने राम मंदिर उद्घाट का समय ऐसे समय मे तय किया है, जब कुछ ही दिनों के बाद आम चुनाव होने वाले हैं। कहा कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह के जरिये BJP वोटों का ध्रुवीकरण चाहती है। वे इसका विरोध करती हैं और अपने जीते जी वो ये सब नहीं होने देंगी।
अखिलेश यादव ने क्या कहा
वहीं, अखिलेश यादव ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण लेने से इनकार कर दिया है। उनको निमंत्रण देने के लिए विश्व हिंदू परिषद के आलोक कुमार को भेजा गया था। लेकिन अखिलेश ने बिना निमंत्रण कार्ड लिये उनको लौटा दिया। कहा कि वे ऐसे किसी व्यक्ति का निमंत्रण नहीं स्वीकार करेंगे, जिसको वे जानते नहीं हैं। कहा कि राम उनके हृदय में बसते हैं और राम जब उनको बुलायेंगे वे अयोध्या में हाजिर होंगे। इसके लिए उनको विश्व हिंदू परिषद के जैसे मध्यस्थ की जरूरत नहीं है।