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दंडवत लेटते हुए राजस्थान से पुरी की यात्रा पर निकला है ये आदमी, झारखंड पहुंचा तो क्या बोला

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द फॉलोअप डेस्क (अमन मिश्रा)
आस्था में बड़ी ताकत होती है। किसी लक्ष्य के प्रति श्रद्धा हो तो मुकाम जरूर मिलता है। आस्था और श्रद्धा यदि सकारात्मक काम के लिए हो तो इंसान नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाता है। अब इन्हें ही देखिए। पीतांबर पहनकर सिर में भगवा पगड़ी बांधे इस आदमी का नाम हरी सिंह माली है। हरी सिंह साष्टांग दंडवत प्रणाम करते हुए पूरे भारत के भ्रमण का लक्ष्य लेकर घर से निकले हैं। इस कठिन यात्रा के पहले चरण में हरी सिंह माली राजस्थान से ओडिशा के लिए निकले हैं। मकसद है, पुरी में भगवान जगन्नाथ के दर्शन करना। हरी सिंह माली इस पूरी यात्रा में केवल और केवल दंडवत प्रणाम करते हुए आगे बढ़ रहे हैं। राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले से शुरू हुई उनकी यात्रा कई राज्यों और दर्जनों शहरों से होते हुए अब झारखंड पहुंची है। जब हरी सिंह सिमडेगा पहुंचे तो द फॉलोअप संवाददाता ने उनसे बातचीत की। जानना चाहा कि यात्रा का मकसद क्या है। 


विश्व शांति, कल्याण और हिंदू जगजागरण के मकसद से निकले हैं
हरी सिंह ने बताया कि विश्व शांति, कल्याण और हिंदू जगजागरण के मकसद से उन्होंने ये कठिन यात्रा करने का फैसला किया। हरी सिंह करीब 16 महीने पहले राजस्थान में अपने घर से इस कठिन यात्रा पर निकले थे। इस दौरान चारों मौसम बीते। कभी भीषण गर्मी ने झुलसाया तो कभी कड़कड़ाती ठंड ने हाड़ कंपा दिया। कभी मूसलाधार बारिश ने रास्ता रोका तो कभी सुंदर बसंत ने राहें आसान कर दी। इस बीच भूख और थकान ने भी तोड़ा लेकिन हरी सिंह बिना रूके चलते रहे। लक्ष्य बड़ा था और इरादा मजबूत। साष्टांग दंडवत करते हुए देश के पश्चिमी छोर से पूर्वी कोने में पहुंचना आसान काम नहीं है लेकिन, हरी सिंह अब लक्ष्य के काफी करीब हैं। 


16 महीने से अनवरत यात्रा कर रहे हरी सिंह 
16 महीने से अनवरत यात्रा कर रहे हरी सिंह माली जब सिमडेगा पहुंचे तो उनको परिवार की याद सताने लगी। तब, एक स्थानीय युवक ने उनकी बात उनके परिवार के सदस्यों से कराई। परिवार वालों से बात करके हरी सिंह का चेहरा खिल गया। उनको आगे की यात्रा के लिए जरूरी ताजगी भी मिल गई। सिमडेगा में कई लोग हरी सिंह के साथ सेल्फी खिंचाते भी नजर आये
 

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