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सोने-चांदी और हीरे से शिल्पकार ने बनाया 2.5 किलो का राम मंदिर, इस शिल्पकला का किया प्रयोग

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द फॉलोअप नेशनल डेस्क:

22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन होना है। इसे लेकर देश भर में पूरा वातावरण राममय हो गया है। इस बीच हर कोई अपने-अपने तरीके से अपना योगदान देना चाहता है। कोई भजन गा रहा है तो किसी ने राम मंदिर का मॉडल बनाया है। इस बीच वाराणसी के राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता शिल्पकार कुंज बिहारी सिंह ने सोने, चांदी और हीरे की मदद से अयोध्या में निर्माणाधीन राम मंदिर की प्रतिकृति बनाई है। कुंज बिहारी सिंह की इच्छा है कि स्वयं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे भगवान राम को समर्पित करें। शिल्पकार ने बताया कि यह 2.5 किलो वजनी यह प्रतिकृति तैयार करने में 108 दिन लगे हैं। गौरतलब है कि राम मंदिर की यह प्रतिकृति गुलाबी मीनाकारी शिल्पकला से बनाई गई है जो वाराणसी की विश्वप्रसिद्ध कला है। 

 

हम श्रीराम के लिए कुछ अनूठा करना चाहते थे
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कुंज बिहारी सिंह ने कहा कि यह आस्था और भक्ति का मामला है। हर कोई भगवान राम के लिए कुछ करना चाहता है। मैं भी चाहता था कि भगवान श्रीराम के लिए कुछ अलग और अनोखा करूं। इसलिए मैंने गुलाबी मीनाकारी शिल्पकला से राम मंदिर की प्रतिकृति तैयार की है। इस शिल्पकला में सोने और चांदी का उपयोग किया जाता है। मैंने इसमें शुद्ध हीरे का भी इस्तेमाल किया है। पूरा मंदिर चांदी से बना है। इसके गर्भगृह में शुद्ध सोने से बनी भगवान राम की प्रतिमा स्थापित की गई है। मंदिर के शिखर पर हीरे का इस्तेमाल किया गया है। मेटल ऑक्साइट विधि से प्रतिकृति को रंगा गया है। लाइटें लगाई हैं ताकि मंदिर चमकता-दमकता हुआ दिखे। कुंज बिहारी सिंह ने बताया कि 108 खंडों वाली यह प्रतिकृति 108 दिनों में तैयार की गई। उन्होंने बताया कि पहले डिजाइनिंग में खूब मुश्किलें आई। तब हमने पहले भगवान श्रीराम की प्रतिमा बनाने का निश्चय किया। एकबार जब प्रतिमा तैयार हुई तो पूरी प्रतिकृति भी स्वत: तैयार हो गई।

 

राम मंदिर बनाने की 500 वर्षों की प्रतीक्षा खत्म हुई
शिल्पकार कुंज बिहारी सिंह ने कहा कि 500 वर्षों की प्रतीक्षा समाप्त हुई। प्रधानमंत्री ने 500 वर्षों की यह प्रतीक्षा खत्म कराई। अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बन रहा है। हमारी भी इच्छा प्रभु श्रीराम के लिए कुछ करने की थी सो हमने यह प्रतिकृति बनाई।