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Cabinet Expansion: मोदी मंत्रिमंडल का विस्तार! ज्योतिरादित्य सिंधिया सहित 15 नेता बने कैबिनेट मंत्री, देखिए पूरी लिस्ट

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द फॉलोअप टीम, दिल्ली: 

मोदी कैबिनेट के दूसरे कार्यकाल का पहला कैबिनेट विस्तार हो गया। 15 कैबिनेट मंत्री और 28 राज्यमंत्री बनाए गए हैं। कई नेता वैसे हैं जिनका प्रमोशन हुआ है। कैबिनेट मंत्री के तौर पर ज्योतिरादित्य सिंधिया, सर्बानंद सोनोवाल, वीरेंद्र कुमार, रामचंद्र प्रसाद सिंह और नारायण राणे जैसे बड़े नाम शामिल हैं। किरेन रिजिजू और अनुराग ठाकुर जैसे नेताओं का प्रमोशन हुआ है। आशय ये है कि ये लोग पहले भी मंत्रिमंडल में शामिल थे। 

इस स्टोरी में जान लेते हैं कि किन लोगों को मंत्रिमंडल में कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गयाा है। पूरी लिस्ट देख लीजिए। 

1. नारायण राणे- महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री रहे। छह बार विधायक और एक बार एमएलसी रहे। फिलहाल महाराष्ट्र से राज्यसभा सांसद हैं। नारायण राणे पहले कांग्रेस पार्टी में थे। कांग्रेस पार्टी छोड़कर पहले अपनी पार्टी बनाई। बाद में वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गये। उनकी वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। 

2. सर्बानंद सोनोवाल- सर्बानंद सोनोवाल 2016 से 20121 तक असम के मुख्यमंत्री रहे। इस साल असम विधानसभा चुनाव के बाद सर्बानंद सोनोवाल की जगह हेमंत बिस्वा शर्मा को मुख्यंत्री बनाया गया। गुवाहाटी विश्वविद्यालय से कानून की डिग्री हासिल करने वाले सर्बानंद सोनोवाल को स्थानीय आदिवासी समुदाय का बड़ा नेता माना जाता है। उनको असम के मुख्यमंत्री पद छोड़ने के लिए मनाया गया। केंद्रीय कैबिनेट में अहम मंत्रालय मिल सकता है। 

3. ज्योतिरादित्य सिंधिया- ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी कांग्रेस के कद्दावार नेता थे। बाद में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। मध्य प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनवाने में अहम योगदान दिया। पांच बार लोकसभा के सांसद रहे। फिलहाल एमपी से राज्यसभा सांसद हैं। 20 साल से राजनीति में सक्रिय हैं। कांग्रेस के कद्दावार नेता रहे माधवराव सिंधिया के बेटे हैं। स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। मनमोहन सरकार में भी कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं। 

4. वीरेंद्र कुमार- मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ से लोकसभा सांसद वीरेंद्र कुमार को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। बीते 4 दशक से राजनीतिक में सक्रिय हैं। सातवीं बार लोकसभा के लिए चुने गए हैं। चाइल्ड लेबर मामलों में पीएचडी किया है। 

5. रामचंद्र प्रसाद सिंह- पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से इंटरनेशनल स्टडीज में डिग्री हासिल की है। बिहार से राज्यसभा के सांसद हैं। बिहार में कुर्मी समुदाय में रामचंद्र प्रसाद सिंह की मजबूत पकड़ मानी जाती है।

6. अश्विनी वैष्णव- आईआईटी कानपुर से एमटेक किया है। पूर्व आईएएस अधिकारी हैं। वाजपेयी सरकार में पीएमओ में उच्चाधिकारी रह चुके हैं। पैंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी से एमबीए किया है। प्रशासन और राजनीति का अच्छा ज्ञान है। केंद्रीय कैबिनेट में कोई अहम मंत्रालय सौंपा जा सकता है। 

7. पशुपति कुमार पारस- बिहार के हाजीपुर से लोकसभा सांसद है। बीते दिनों बिहार में सियासी घटनाक्रम का मुख्य बिंदु रहे। चिराग पासवान से बगावत करके खुद को लोक जनशक्ति पार्टी के संसदीय दल का नेता घोषित किया। पांच सासंदों के समर्थन के साथ लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला से मंजूरी ली। भागलपुर यूनिवर्सिटी से बीएड की डिग्री ली है। बिहार में सात बार विधायक रहे। बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। चिराग पासवान ने मंत्रीपद का विरोध किया। 

8. किरेन रिजिजू- पूर्वोत्तर के कद्दावार नेता हैं। मोदी सरकार के पहले कार्यकाल में गृहराज्य मंत्री रहे। इस कार्यकाल में अब तक राज्य मंत्री के साथ-साथ खेल मंत्रालय का स्वतंत्र प्रभार था। प्रमोशन किया गया है। कैबिनेट मंत्री बना दिए गए हैं। 2004 में पहली बार चुनाव जीता था। अरूणाचंल प्रदेश के नीखू सीट से लोकसभा सांसद हैं। खेल मंत्री के स्वतंत्र प्रभार में उल्लेखनीय काम किया। ओलंपिक खेलों के मद्देनजर किरेन रिजिजू को प्रमोशन मिला। 

9. राजकुमार सिंह- राजकुमार सिंह को भी कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया गया है। राजपूत समाज से आते हैं। बिहार के आरा लोकसभा सीट से सांसद हैं। 2019 में लगातार दूसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। राजपूत समाज के बड़े नेता माने जाते हैं। अब तक बिजली मंत्री का स्वतंत्र प्रभार संभाल रहे थे। बतौर राज्यमंत्री अच्छा काम किया था। 

10. हरदीप सिंह पुरी- भारतीय विदेश सेवा के पूर्व अधिकारी रहे हैं। अब तक शहरी विकास मंत्रालय के साथ-साथ नगारिक विमानन और उड्डयन मंत्रालय भी इनके जिम्मे था। प्रमोशन मिला और अब कैबिनेट मंत्री बनाये गये हैं। कोई अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। पंजाब से राज्यसभा सांसद हैं। आगामी पंजाब विधानसभा चुनाव के हिसाब से समीकरण बिठाया गया है। 

11. मनसुख मंडाविया- मनसुख मंडाविया को भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। मंडाविया 2002-2007 तक गुजरात में विधायक रहे। 2012 से अब तक लगातार राज्यसभा के सांसद हैं। रसायन मंत्री का स्वतंत्र प्रभार था। कोरोना काल में बतौर मंत्री अच्छा काम किया। मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा में पीएम मोदी काफी प्रभावित थे। उसका इनाम मिला। 

12. भूपेंद्र यादव- अजमेर के सरकारी कॉलेज से कानून की डिग्री ली। सुप्रीम कोर्ट के वकील रहे। राजस्थान से दूसरी बार राज्यसभा के सांसद हैं। राजस्थान के बड़े यादव नेताओं में इनकी गिनती होती है। अहम पद मिल सकता है। 

13. पुरुषोत्तम रूपाला- 2008 से ही राज्यसभा सांसद हैं। कड़वा पटेल समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। इस समुदाय के बीच पुरुषोत्तम रूपाला की अच्छी पकड़ है। पुरुषोत्तम रूपाला को भी अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। इंतजार करना होगा। 


14. जी किशन रेड्डी- जी किशन रेड्डी अब तक गृह राज्यमंत्री रहे। 2004 से 2014 तक आंध्रप्रदेश में विधायक रहे। तेलांगना बीजेपी के कद्दावार नेता माने जाते हैं। तेलांगना के सिंकदराबाद से दूसरी बार जीतकर लोकसभा पहुंचे। जी किशन रेड्डी को भी उनकी वरिष्ठता, कार्यकुशलता और राजनीतिक अनुभव के आधार पर अहम मंत्रालय दिया जा सकता है। 

15. अनुराग ठाकुर- हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल के बेटे हैं। हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर लोकसभा सीट से सांसद हैं। राजपूत समाज में अच्छी-खासी पकड़ है। फिलहाल वित्त राज्यमंत्री हैं। राजनीति में काफी समय से सक्रिय हैं। प्रशासनिक अनुभव है। आगामी हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में युवा वोटरों को साधने में अहम योगदान निभाएंगे।