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महाराष्ट्र में जल-प्रलय! मूसलाधार बारिश और भूस्खलन में गांव के गांव तबाह, सैकड़ों लोग लापता

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द फॉलोअप टीम, मुंबई: 

 

महाराष्ट्र में भीषण जलप्रलय जारी है। बीते कई दिनों से हो रही लगातार मूसलाधार बारिश की वजह से महाराष्ट्र के कई जिलों में मौजूद सैकड़ों गांव जलप्लावन का शिकार हो गए हैं। बाढ़ और भूस्खलन की वजह से कई गांव पूरी तरह तबाह हो गए। लाखों लोग इस बाढ़ की वजह से प्रभावित हुए हैं। सोशल मीडिया में जो तस्वीरें सामने आई है वो काफी डराने वाली है। राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि उनकी टीम ने अब तक 1800 लोगों को बचाया है। लोगों को सुरक्षित ठिकाने पर पहुंचाया गया है। 

एनडीआरएफ ने अब तक 52 शव निकाले
एनडीआरएफ के सब इंस्पेक्टर संजीव कुमार ने बताया कि शुक्रवार को उन्होंने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया था। उनकी टीम को सात से आठ साल के बीच की उम्र वाले 2 बच्चों का शव मिला। उन्होंने बताया कि निचले हिस्सों में अभी भी मिट्टी भरी हुई है। रास्ता बनाने के लिए क्षेत्र की खुदाई जारी है। उन्होंने कहा कि रास्ता बनाने पर ही तलाशी अभियान में सहायता मिल सकेगी। मिली जानकारी के मुताबिक एनडीआरएफ की टीम ने महाराष्ट्र के अलग-अलग भूस्खलन वाले इलाकों से 52 शव निकाले हैं। टीम ने कहा कि लापता लोगों की तलाश की जा रही है। 

सतारा जिले में टीम ने 11 शवों को निकाला
इस बीच राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बन यानी एनडीआरएफ ने सतारा जिला में भूस्खलन साइट से बचाव अभियान के दौरान 6 लोगों का शव बरामद किया। यहां लापता 8 लोगों की तलाश अभी भी जारी है। सतारा जिले के अंबेघर भूस्खलन वाली घटनास्थल से अब तक कुल 11 शव निकाले जा चुके हैं। सतारा जिला प्रशासन ने बताया कि राहत और बचाव कार्य जारी है। भूस्खलन की घटना में लापता लोगों की तलाश अभी भी जारी है। लोग काफी मुश्किल में हैं। ना तो उनके पास खाना और ना ही रहने का ठिकाना। यहां तक कि दाह संस्कार तक की जगह नहीं है। 

रायगढ़ में जेसीबी की मदद से दफनाया शव
महाराष्ट्र के रायगढ़ में भारी बारिश के बाद भूस्खलन की घटना में जान गंवाने वाले 33 लोगों को जेसीबी की मदद से गड्ढा खोदकर एक साथ दफना दिया गया। गांव के सरपंच संपत तनलेकर ने कहा कि 33 लोगों की मौत हो गई। उन्हें एक साथ गड्ढे में दफन कर दिया गया। उन्होंने बताया कि भारी बारिश की वजह से हमलोग अंतिम संस्कार करने के लिए सामग्री की व्यवस्था नहीं कर सके। हम इंतजार भी नहीं कर सकते थे। गौरतलब है कि महाराष्ट्र में इस वक्त लोगों को रेस्क्यू करने और जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए एनडीआरएफ की 149 टीमें तैनात हैं। टीम ने कोल्हापुर के बाढ़ प्रभावित इलाके से 600 ग्रामीणों को बचाया औऱ सुरक्षित स्थान तक पहुंचाया। राजापुर और कुरुंदवाड़ गांव में भी जलस्तर काफी बढ़ गया है। यहां कुल 3 गांव प्रभावित हैं। 

तलिये गांव में एक भी मकान साबूत नहीं बचा
बाढ़ और भूस्खलन की घटना में महाराष्ट्र के सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं। काफी सारे लोगों का मकान बह गया। परिवार के कई लोग लापता हो गए। कुछ लोगों के शव निकाले जा चुके हैं जबकि कुछ अभी भी लापता हैं। रायगढ़ जिला के तलिये गांव में शुक्रवार सुबह से ही मूसलाधार बारिश हो रही है। लगातार हो रही बारिश की वजह से यहां भूस्खलन हुआ औऱ कई मकान तबाह हो गए। इस गांव की रहने वाली अंकिता नाम की महिला ने बताया कि मेरा घर भी ढह गया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। उन्होंने बताया कि उन्होंने नया घर बनवाया था। इसके लिए कर्जा लिया था। उनका सब कुछ चला गया। अंकिता की तरह ही बाकी लोगों ने भी काफी कुछ गंवाया है। 

सीएम उद्धव ठाकरे ने प्रभावित इलाके का दौरा किया
महाराष्ट्र में जारी प्राकृतिक आपदा के बीच मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बाढ़ और भूस्खलन प्रभावित इलाकों का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने विशेष तौर पर रायगढ़ जिला के तलिये गांव का दौरा किया। यहां मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन लोगों को नुकसान हुआ है उनको मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम कोशिश करेंगे कि भविष्य में बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा में किसी की जान ना जाए। मुख्यमंत्री के साथ जिला प्रशासन के अधिकारी भी थे।