द फ़ॉलोअप टीम : एक तो कोरोना का कहर ऊपर से इसके साइड इफेक्ट का कहर. हिंदपीढ़ी वासियों को दोनों ही झेलना पड़ रहा है. बीते 19 अप्रैल की रात को रांची के हिंदपीढ़ी इलाके में एक गर्भवती महिला को पुलिस ने मोहल्ले से बाहर नहीं जाने दिया. जिस वजह से उसे अपने घर में बच्चा जनना पड़ा. इधर परिणाम ये हुआ कि डॉक्टरों के निगरानी के अभाव में बच्चा मर गया.
इलाके में अभी तक कोरोना के 24 मरीज
इस इलाके में अभी तक 24 कोरोना मरीज मिल चुके हैं. इसे पूरी तरह सील कर दिया गया है. लेकिन सील के दौरान मेडिकल जैसी इमरजेंसी सेवाओं में छूट के बावजूद पुलिस प्रशासन ने डिलीवरी के लिए जा रही महिला को रोक दिया. दो सील पॉइंट से उसे लौटाया गया.
घर की महिलाओं ने कराया डिलीवरी
इधर महिला के पति इमरान ने बताया कि, ‘’मजबूरी में वह पत्नी को लेकर घर आ गए. घर की महिलाओं ने ही डिलीवरी कराया. लेकिन बच्चा मर गया.‘’ इमरान के मुताबिक ये उनका पहला बच्चा था. उन्होंने यह भी बताया कि, ‘’यह उनकी दूसरी शादी थी. पहली पत्नी हृदय का हृदय रोग की वजह से इंतकाल हो गया था. दूसरी पत्नी से यह उनका पहला बच्चा था.’’ इस घटना के बाद पूरे हिंदपीढ़ी इलाके में लोगों के अंदर खौफ भर गया है.
एसएसपी ने कहा दोषी पुलिसकर्मी पर होगी कार्रवाई
इस पूरे मामले पर रांची के एसएसपी अनीश गुप्ता ने बताया कि, ‘’ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। इस तरह से होना नहीं चाहिए था. पुलिस को साफ बताया गया है कि अगर मेडिकल इमरजेंसी वाली बात सामने आती है तो तत्काल इसकी सूचना दें. दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई होगी.‘’ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘’मेडिकल इमर्जेंसी के लिए गुरू नानक स्कूल की तरफ से एग्जिट प्वाइंट बनाया गया है. लोगों को इसके बारे में जानकारी भी दी गई है. आगे से ऐसा नहीं हो, पुलिस इसका पूरा ध्यान रखेगी.’’