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सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस समारोह में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए राज्यपाल

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द फॉलोअप टीम, रांची:

सिदो कान्हु मुर्मू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस के अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल रमेश बैस शामिल हुए। सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी। संथाल हूल के महानायक सिदो, कान्हु समेत सभी सेनानियों के प्रति अपनी श्रद्धा-सुमन अर्पित की। वहीं कहा कि पूरा विश्व कोरोना महामारी से प्रभावित है। हमारी शिक्षा जगत पर इस महामारी का गहरा प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। यह महामारी अपना रूप बदल कर फिर सामने आ खड़ी हुई है। शिक्षण संस्थानों के पुनः इस महामारी के कारण बन्द होने से विद्यार्थियों की तकलीफ़ों को मैं समझ सकता हूँ।

 

राज्यपाल ने कहा, वर्त्तमान समय को देखते हुए ऑनलाइन क्लासेस के माध्यम से हमारे शिक्षक विद्यार्थियों को बेहतर मार्गदर्शन प्रदान करने की पूर्ण कोशिश करेंगे, ऐसी आशा है। शिक्षण संस्थानों को छात्रहित में अपने विद्यार्थियों के प्रति सतत् चिंतनशील रहना चाहिये, उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिये। विद्यार्थियों को सही दिशा देना हमारे शिक्षण संस्थान व शिक्षकों का परम धर्म है। मुझे यह जानकर बहुत प्रसन्नता है कि इस विश्वविद्यालय के स्नातकोत्तर विभागों में विद्यार्थी सिर्फ संताल परगना या झारखण्ड के ही नहीं बल्कि पड़ोसी राज्यों के भी है। इसके लिए मैं पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई देता हूँ। विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षा प्रणाली को और ज्यादा रोजगारपरक बनाने के लिए कौशल सम्बन्धी कई नये पाठ्यक्रमों की शुरुआत करना एक सराहनीय प्रयास है।

राज्यपाल बोले, मुझे बताया गया है कि टी.सी.एस. के सौजन्य से कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालय के विभिन्न महाविद्यालयों में युवा रोजगार कार्यक्रम आयोजित किये गए और बड़ी संख्या में विद्यार्थियों ने इसका लाभ उठाया। किसी भी विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस अपने अतीत की गलतियों से सबक सीखने का और उपलब्धियों से प्रेरणा हासिल कर भविष्य की रुपरेखा तैयार कर उस पर आगे बढ़ने के प्रण लेने का एक अहम अवसर होता है। आइये, सिदो कान्हु  मुर्मू विश्वविद्यालय के इस स्थापना दिवस पर अपनी ऊर्जा एवं लगन से इस संस्थान को नयी ऊंचाई पर ले जाने और शिक्षण एवं शोध के माध्यम से इस क्षेत्र की और देश की समस्याओं का हल निकालने में अपना योगदान देने का संकल्प लें। सभी टीम वर्क की भावना से समर्पित होकर शिक्षा  जगत की दिशा में निरंतर कार्य करते हुए इस विश्वविद्यालय को राज्य ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी एक अनुकरणीय विश्वविद्यालय के रूप में स्थापित करने की दिशा में प्रयास करें।
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