आज अगर पत्रकारिता के किसी स्टूडेंट से पूछ दिया जाये कि क्या आप स्वामीनाथन सदानंद को जानते हैं तो इसकी संभावना बहुत कम है कि वो कहें कि हां मैं उनको जानता हूं। और जब पत्रकारिता को 13 साल तक अपना जीवन देने के बाद मुझसे पूछा जाये कि एक पत्रकार के रुप में मैं