प्राप्त जानकारी के मुताबिक हादसे वाली शाम को 3 युवक नहाने गए थे। नहाने के क्रम में तीनों गहरे पानी में चले गए और डूब गए। इसकी सूचना स्थानीय लोगों को मिली तो उन्होंने खोजबीन शुरू की। शुक्रवार को देर रात तक खोजबीन की गई लेकिन तीनों का कुछ पता नहीं चला। साहि
झारखंड राज्य का एकमात्र जिला है साहिबगंज जहां से गंगा बहती है। कुछ लोगों के लिए गंगा नदी एक वरदान है तो कुछ के लिए अभिशाप। बता दें कि प्रत्येक साल साहिबगंज जिला में बाढ़ की वजह से सैकड़ों परिवार का आशियाना उजर जाता है। साथ ही भुखमरी की नौबत आ जाती है। करो
उधवा प्रखंड सह अंचल कार्यालय में पदस्थापित सीओ विक्रम महली की संदिग्ध अवस्था में मौत हो गई है। उनका शव उनके किराए के आवास में मिला है। वह अनुमंडल क्षेत्र राजमहल में अंजनी नंदन चौरसिया के घऱ में किराए पर कुछ दिनों से अकेले रह रहे थे। घर में काम करने वाली ल
झारखंड में इनदिनों ईडी की कार्रवाई लगातार जारी है। न्यूज वेबसाइट न्यूज विंग में छपी रिर्पोट के मुताबिक साहिबगंज डीएमओ से ईडी पिछले पांच दिनों से पूछताछ कर रही है। बताया जा रहा है कि यह पूछताछ एक हज़ार करोड़ से अधिक अवैध खनन घोटाला मामले में की जा रही है।
इस दौरान सभी कार्यकर्ता "बिजली विभाग हाय हाय, मंत्री आलमगीर आलम हाय हाय, बिल लिया तो बिजली दो, आलमगीर आलम तेरे राज में लालटेन आ गया हाथ में" जैसी नारेबाजी कर अपना विरोध दर्ज कराया। वहीं श्रीकुंड ब्रिज मोड़ जाकर जुलूस एक नुक्कड़ सभा में तब्दील हो गई, जहां
राजमहल थाना क्षेत्र से एक दुखद घटना सामने आ रही है। यहां एक प्रेम कहानी का दुखद अंत हो गया है। यहां एक प्रेमी जोड़े ने शादी के एक महीने बाद ही आत्महत्या कर ली। अपनी शादी को परिवार द्वारा स्वीकार नहीं किए जाने से वह परेशान थे।
साहिबगंज जिला के राजमहल की पहाड़ियों में बसे गांवों में रहने वाले आदिम पहाड़िया जनजाति के लोग रोजमर्रा के भोजन के लिए काफी हद तक सरकारी राशन पर निर्भर हैं। पहाड़ियों में ज्यादा खेती नहीं होती और उनके पास रोजगार के साधन भी सीमित हैं। मुख्य रूप से लकड़ियां
लाभुकों ने द फॉलोअप (The Followup) संवाददाता को बताया कि पीएम आवास का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है,लेकिन विभाग द्वारा आवास निर्माण में लगे मजदूरों को मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा है। वे भुगतान के लिए महीनों से प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रहे ह
गंगा नदी में बुधवार को एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। कबूतर खोपी घाट के सामने उठी तेज़ लहरों के बीच एक नांव फंस गई थी। नांव में कई लोग सवार थे, पानी के तेज बहाव में नांव ऊपर-नीचे हो रही थी। सबकी सांसे अटकी हुई थी। समय रहते नाविक ने स्थिती संभाल ली और मंझ
भोगा पहाड़ और बुरसी पहाड़ के सैकड़ों लोग आज भी कच्ची और पथरीली पगडंडी के जरिए प्रखंड मुख्यालय तक का सफर तय करते हैं। यदि गांव में अचानक कोई बीमार पड़ जाए या किसी गर्भवती महिला को तत्काल अस्पताल पहुंचाना हो तो मुश्किल होगी क्योंकि गांव तक एंबुलेंस पहुंचने
मत्स्य विभाग, जिला प्रशासन और गंगेटिक फिशरी सोसाइटी ने आज नमामी गंगे परियोजना के तहत मुक्तेश्वर घाट स्थित गंगा नदी में दो लाख छोटी मछलियां छोड़ी हैं। इन मछलियों में कतला, रोहू, मृगल, कालबासु शामिल हैं।
कारनी नदी में शव मिलने की सूचना पर कोटालपोखर थाने के एएसआई पृथ्वीराज दल-बल के साथ पहुंचे। इधर, मृतक फागु प्रमाणिक की 28 वर्षीय पत्नी डॉली देवी, 8 वर्षीय बेटे रतन प्रमाणिक और बेटी मनीषा कुमारी का रो-रोकर बुरा हाल है। पत्नी डॉली का कहना है कि घर में कमाने व