द फॉलोअप डेस्क, रांची:
टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी द्वारा रांची सिविल कोर्ट में दाखिल क्रिमिनल केस मामले में अब आरोपी बनाए गए मिहिर दिवाकर का पक्ष सामने आया है। मिहिर दिवाकर ने प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के नाम जारी पक्ष में धोनी को देखा देने वाली बात को बेबुनियाद करार दिया है। मिहिर दिवाकर ने कहा कि यह खबरें मेरी सामाजिक प्रतिष्ठा को खराब करने के उद्देश्य से प्रसारित की गई है। मिहिर दिवाकर का कहना है कि मैं सामने आई इन खबरों से चिंतित हूं। गौरतलब है कि शुक्रवार को दोपहर यह खबर सामने आई कि धोनी ने मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ सिविल कोर्ट में क्रिमिनल केस दर्ज कराया है।
मिहिर दिवाकर ने धोखाधड़ी के आरोपों पर क्या कहा!
मिहिर दिवाकर ने मीडिया के नाम जारी लेटर में कहा कि महेंद्र सिंह धोनी ने उक्त उद्यम के लिए मुझे अधिकृत किया था और इसे रद्द नहीं किया गया है। हालांकि, मिहिर दिवाकर ने यह कहा कि उन्हें धोनी द्वारा लीगल नोटिस भेजा गया था जिसका उचित जवाब दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि धोनी का कुछ बकाया है जिसे सीधे सीधे उनके द्वारा एकत्रित कर लिया गया है।
मामले में धोनी के वकील दयानंद सिंह ने क्या बताया
इस मामले में महेंद्र सिंह धोनी के वकील दयानंद सिंह ने रांची सिविल कोर्ट में मिहिर दिवाकर और सौम्या दास के खिलाफ क्रिमिनल केस दर्ज कराने की पुष्टि की है। एक निजी समाचार चैनल को दिए इंटरव्यू में दयानंद सिंह ने बताया कि 2017 में मिहिर दिवाकर ने धोनी को क्रिकेट एकेडमी खोलने के लिए अप्रोच किया था। दोनों के बीच समझौता भी हुआ। समझौते के मुताबिक मिहिर दिवाकर को धोनी को फ्रेंचाइजी शुल्क का भुगतान करना था और प्रॉफिट में हिस्सा भी देना था। दयानंद सिंह ने कहा कि मिहिर दिवाकर ने पहले तो समझौते के मुताबिक शुल्क और प्रॉफिट का भुगतान किया लेकिन बाद में ऐसा नहीं किया।
दयानंद सिंह ने बताया कि धोनी ने अगस्त 2021 में अथॉरिटी लेटर वापस ले लिया था लेकिन मिहिर दिवाकर उनके नाम से बिजनेस चलाते रहे।