द फॉलोअप डेस्क
BIT मेसरा परिसर में छात्र राजा पासवान की मौत के मामले में आज झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। बीआईटी मेसरा, रांची के कुलपति, रजिस्ट्रार, डायरेक्टर के अलावा डीजीपी अनुराग गुप्ता आज कोर्ट के आदेश पर सशरीर हाजिर हुए।
बीआईटी मेसरा प्रबंधन पर कोर्ट ने उक्त घटना को रोकने में विफलता को लेकर कड़ी नाराजगी व्यक्त की। इस घटना को लेकर कोर्ट ने कहा कि यह बीआईटी मेसरा प्रबंधन की सुरक्षा में चुक बताता है. डीजीपी को झारखंड के शैक्षणिक संस्थाओ में सुरक्षा के मद्देनजर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) बनाने का हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति संजय प्रसाद की कोर्ट ने निर्देश दिया। साथ ही बीआईटी मेसरा प्रबंधन को अगली सुनवाई में छात्र राजा पासवान की मौत से जुड़ी जांच रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया गया है। अगली सुनवाई 24 जून को निर्धारित की गई है।
मामले में आरोपी मौसम कुमार सिंह, अभिषेक कुमार, इरफान अंसारी और साहिल अंसारी की जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत को सूचित किया गया कि पांच आरोपियों के खिलाफ आरोप तय हो चुके हैं, जबकि 12 अन्य के खिलाफ जांच अभी जारी है।
सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन एवं अपर महाधिवक्ता सचिन कुमार ने मामले की पैरवी की। अदालत को यह भी जानकारी दी गई कि मृतक छात्र के शरीर पर दस चोटों के निशान पाए गए थे। यह मामला बीआईटी मेसरा पॉलिटेक्निक कॉलेज, रांची के छात्रावास में छात्रों के बीच हुए विवाद से जुड़ा है, जिसके चलते छात्र की मौत हुई। सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम, 1989 के नियम 7 का उल्लंघन करते हुए इस मामले की जांच पुलिस उप-निरीक्षक द्वारा की गई, जबकि यह कार्य डीएसपी रैंक के अधिकारी द्वारा किया जाना चाहिए था।