द फॉलोअप डेस्कः
धनबाद जिला के बलियापुर थाना क्षेत्र के कुशबेरिया गांव के खैड़बन टोला में एक आदिवासी परिवार ने ईसाई धर्म अपना लिया तो उन्हें गांव से बाहर कर दिया गया। सुखलाल हांसदा, उसकी पत्नी पुनीता हांसदा व 18 वर्षीय पुत्र संजय हांसदा ने एक साल पहले ईसाई धर्म अपना लिया है। इसकी जानकारी ग्रामीणों को होने के बाद लोग आक्रोशित हो गये। ग्रामीणों के अनुसार सुखलाल हांसदा अपने परिवार के साथ सिंदरी के नीमटांड़ स्थित अपनी ससुराल में 10-15 वर्षों से रह रहा था।
इस दौरान उनलोगों ने ईसाई धर्म अपना लिया। इसकी जानकारी उनके बुजुर्ग पिता विजय हांसदा एवं अन्य परिजनों को हुई, तो उनलोगों ने गांववालों को बताया। मामले को लेकर गांव में कई बार बैठक हो चुकी है। रविवार को मामले को लेकर गांव में बैठक बुलायी गयी। इसमें सुखलाल हांसदा व उनके परिवार को बुलाया गया। समाज के लोगों ने सुखलाल व उसके परिवार से सरना धर्म में लौटने की अपील की।
लेकिन, सुखलाल हांसदा ने पंचों के समक्ष ईसाई धर्म में ही अपना जीवन व्यतीत करने की बात कही। इस पर समाज ने उनके पिता विजय हांसदा एवं उनके सगे संबंधियों के साथ-साथ बैठक कर सुखलाल व उसके परिवार को गांव से बहिष्कृत करने की घोषणा की। सुखलाल हांसदा के परिवार के साथ-साथ उसके ससुराल वालों को भी समाज से बहिष्कृत कर दिया है।