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Farmers Movement : आंदोलनकारियों ने ठुकराया केंद्र का 5 साल वाला फार्मूला, ये अल्टीमेटम दिया 

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द फॉलोअप डेस्क 

आंदोलनकारी किसानों ने केंद्र सरकार का 5 साल वाला फार्मूला ठुकरा दिया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा है कि MSP गारंटी से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे। कहा कि C2+50% नीचे किसी भी तरह का प्रस्ताव वे नहीं मानेंगे। बता दें कि किसानों के साथ चौथे दौर की वार्ता के बाद आज ही, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा था कि केंद्र सरकार मक्का, कपास, उड़द और अरहर पर MSP देने के लिए तैयार है। गोयल ने कहा कि किसान अगर सरकार का ये प्रस्ताव मान लेते हैं तो अगले 5 साल तक इन 4 फसलों की खरीदारी के लिए अलग से सहकारी सभाओं का गठन किया जायेगा। कहा कि नई दर पर फसलों की खरीदारी के लिए एनसीसीएफ और नैफेड से अनुबंध किया जायेगा। ताकि किसानों को किसी तरह परेशानी न हो और खरीदारी का काम पूरी पारदर्शिता के साथ हो सके।

किसानों ने कहा था, सोचने का मौका चाहिये 

किसान नेता सरवन पंढेर ने कहा है केंद्र के 5 साल वाले प्रस्ताव को किसान संगठनों ने ठुकरा दिया है। हालांकि इससे पहले उन्होंने कहा था कि उनको सोचने के लिए कम से दम 2 दिन का समय चाहिये। पंढेर ने कहा था कि वे आंदोलन में शामिल अन्य संगठन व नेताओं से सरकार के प्रस्ताव पर चर्चा करेंगे। इसके बाद किसी निर्णय पर पहुंचा जा सकता है। बता दें कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच ये चौथे दौर की वार्ता थी। इसमें केंद्र की ओऱ से कैबनेट मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। मिली खबरों के मुताबिक किसान सरकार को प्रस्ताव पर कल यानी 20 फरवरी को अपना फैसला सुना सकते हैं। बहरहा, खबर लिखने तक पंजाब और हरियाणा में आंदोलन जारी है। किसान जगह-जगह प्रदर्शन कर रहे हैं और दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। 

क्या है किसानों की मांगें 
लगभग सप्ताह दिन से आंदोलन कर रहे किसानों की सबसे प्रमुक मांग एमएसपी की गारंटी है। इसी के साथ किसान पेंशन और कर्ज माफी की मांग भी कर रहे हैं। हालांकि सरकार की ओर से आंदोलन को लेकर थोड़ी नरमी तो दिखी है, लेकिन कोई हल नहीं निकला है। वहीं, केंद्र सरकार की ओऱ से कहा गया है कि किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रव फैलाने की कोशिश को नाकाम किया जायेगा। उपद्रव फैलाने वालों की पहचान कर कार्रवाई की जायेगी। दूसरी ओऱ किसानों ने भरोसा जताया है कि सरकार के साथ बातचीच में कोई न कोई हल जरूर निकलेगा।