द फॉलोअप डेस्क
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर टिप्पणी मामले में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी को झारखंड हाईकोर्ट से मिली राहत अगली तिथि तक बरकरार रहेगी। राहुल गांधी की याचिका पर 28 अप्रैल शुक्रवार को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने केस के सूचक को लिखित बहस जमा करने के लिए अंतिम मौका दिया है। मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के जस्टिस अंबुजनाथ की अदालत में हुई। वहीं, कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 11 मई की तिथि तय की है। साथ ही कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को विस्तार दिया है। इससे पहले हाई कोर्ट राहुल गांधी को रांची सिविल कोर्ट की ओर से जारी नोटिस पर रोक लगा चुका है। इस दौरान राहुल गांधी की ओर से अधिवक्ता पीयूष चित्रेश और अधिवक्ता दीपांकर राय ने पक्ष रखा। जबकि याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता विनोद साहू ने पक्ष रखा।
नवीन झा ने बयान के खिलाफ कोर्ट में दर्ज कराई थी शिकायतवाद
मालूम हो कि मामला राहुल गांधी द्वारा कांग्रेस के अधिवेशन में तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खिलाफ टिप्पणी करने से जुड़ा है, जिसमें राहुल गांधी ने कहा था कि कांग्रेस में कोई हत्यारा राष्ट्रीय अध्यक्ष नहीं बन सकता है। कांग्रेसजन किसी हत्यारा को राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वीकार नहीं कर सकते हैं। यह भाजपा में ही संभव है। नवीन झा ने राहुल गांधी के इस बयान के खिलाफ रांची सिविल कोर्ट में शिकायतवाद दर्ज कराई थी, जिस पर कोर्ट ने संज्ञान ले लिया था। राहुल गांधी ने इसे निरस्त करने के लिए हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।
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