झारखंड के कुछ जिलों में मंगलवार को बारिश हुई। जिस वजह से कई जगहों पर मौसम सुहाना है लेकिन बुधवार को सुबह होते ही कड़ी धूप निकल गई है। पिछले 24 घंटे में सबसे उच्चतम तापमान 43.6 बारहागोड़ा व सबसे कम न्यूनतम तापमान 23.6 गोड्डा में दर्ज किया गया।
पूरे झारखंड के मौसम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। पिछले दो-तीन दिनों से आंशिक बादल के असर ने जहां तापमान में गिरावट ला दी, वहीं 15 से 20 अप्रैल तक तापमान में वृद्धि के संकेत हैं। एक सप्ताह के दौरान रांची व आसपास के जिलों में ठंड के असर के साथ-साथ अच
झारखंड में मौसम ने अपना मिजाज बदल लिया है। ओडिशा में बना टर्फ तमिलनाडु की ओर जा रहा है, जिसके कारण झारखंड के विभिन्न हिस्सों में 12 अप्रैल तक बारिश की संभावना है।
झारखंड का मौसम अब गर्म हो गया है। हर दिन भीषण गर्मी पड़ रही है। अप्रैल से जून तक भीषण गर्मी पड़ने वाली है। पूरे राज्य में अधिकतम व न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने के अनुमान है।
झारखंड में शुष्क व गर्म मौसम के बीच 30 मार्च से बारिश की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। मौसम विभाग के अनुसार, 30 व 31 मार्च को मध्यम दर्जे की बारिश की संभावना है।
झारखंड में होली के पहले रांची समेत विभिन्न जिलों में हुई जोरदार बारिश से न्यूनतम तापमान में कमी आई है।
झारखंड का मौसम करवट लेने के मूड में है। शनिवार को राजधानी रांची समेत कई इलाकों में तेज हवा के साथ झमाझम बारिश हुई।
जबकि 17 मार्च को भी कहीं-कहीं बारिश के आसार हैं। 18 मार्च को पश्चिमी इलाके में बारिश का अनुमान जताया गया है। बारिश के कारण तापमान में भी उतार-चढ़ाव देखने को मिलेगा।
मौसम विभाग की ओर से राज्य के कुछ हिस्सों में ओलावृष्टि के साथ बारिश होने की चेतावनी दी गई है। इसमें पलामू, गढ़वा, चतरा, लातेहार आदि जिले शामिल हैं।
झारखंड में मौसम लगातार बदल रहा है। कभी सर्द हवायें, तो कभी तेज धूप, कभी बारिश तो कभी कोहरा। अब मौसम विभाग ने एक बार फिर बारिश की भविष्यवाणी की है। झारखंड फिर 11 और 12 फरवरी को बारिश का अलर्ट है।
झारखंड की राजधानी रांची में अच्छी खासी ठंड देखी जा रही है. वहीं अन्य जिलों के न्यूनतम तापमान में भी दो-तीन डिग्री गिरावट दर्ज हुई है. पश्चिमी छोर से आने वाली ठंडी हवा कंकनी बढ़ा रही है।
झारखंड में मौसम इनदिनों स्थिर नहीं है। कभी बहुत ठंड तो कभी दिन भी निकली धूप से गर्मी का अहसास हो रहा है। पहले जनवरी माह में कनकनी हुआ करती थी लेकिन अब पहले के मुकाबले ठंड कम पड़ रही है।