झारखंड में सरना धर्म कोड को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक बयानबाज़ी तेज हो गई है। कांग्रेस प्रवक्ता सोनाल शांति ने भाजपा पर आदिवासियों की धार्मिक पहचान को नकारने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि भाजपा अब तक यह साफ नहीं कर रही है कि वह सरना धर्म
आदिवासी समुदाय की पहचान और भावना से जुड़ी एक बहुप्रतीक्षित मांग ‘सरना धर्म कोड’ लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने की आवश्यकता है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आज कांके रोड रांची स्थित मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय में केन्द्रीय सरना समिति, भारत के प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात की।
सरना स्थल तोड़ने के विरोध में स्थानीय और आदिवासी समाज के लोगों ने एयरपोर्ट रोड को जाम कर दिया है। इससे वाहनों की लंबी कतार लग गयी है।
मारंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती के अवसर पर केंद्रीय सरना समिति ने फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन किया है। तीन दिन चलने वाले इस आयोजन को जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में शुरू किया गया है।
सरना धर्म कोड की मांग एक बार फिर तेज हो गई है। विभिन्न आदिवासी संगठन सरना धर्म कोड की मांग को लेकर 5 मार्च को बैठक किया गया था। अब राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान से जुड़े विभिन्न आदिवासी संगठनों की ओर से 12 मार्च को मोरहाबादी मैदान में महार
विभिन्न आदिवासी संगठनों की तरफ से 12 मार्च को रांची में महारैली किया जाएगा। यहा रैली मोरहाबादी मैदान में सरना धर्म कोड को लेकर किया जाएगा। संगठन से जुड़े धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने बताया कि इस महारैली में देश के अलग-अलग राज्यों से तो लोग आएंगे ही इसके साथ ही
सरना धर्म कोड की मांग एक बार फिर तेज हो रही है। इसे लेकर फिर जोरदार आंदोलन की तैयारी की जा रही है। आठ जनवरी को हरमू मैदान में महारैली निकाली जाएगी। केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की ने बताया कि सरना धर्म कोड मांग को लेकर हरमू मैदान में महारैली निकाली जाये
पूर्व सांसद सह जदयू के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा है कि जदयू की झारखण्ड इकाई सरना धर्म कोड की मान्यता सहित झारखण्डी जनभावना से जुड़े 10 प्रमुख जन मुद्दों को आगे बढ़ाने के प्रस्ताव के साथ 27 दिसंबर 2020 को पटना में होने वाली जदयू के राष्ट्रीय परिषद
आदिवासी सरना धर्मकोड के प्रस्ताव को मुख्यमंत्री हेमंत ने सोमवार को कैबिनेट की बैठक में अपनी स्वीकृति दे दी
जिले के हूटार बाजारटांड़ में सरना धर्म कोड को लेकर एदेल संगा पड़हा 36 मौजा द्वारा संयुक्त पड़हा महासभा का आयोजन किया गया