शिकारीपाड़ा प्रखंड के कुलकुलीडंगाल गांव में प्राशासन ने बंद पड़े पत्थर के खदान में जमा पानी को फिल्टर करने की अनूठी पहल की शुरुआत की है। पानी को पीने योग्य बनाकर पाइप के माध्यम से गांव के घर-घर पहुंचाया जाएगा। इसके लिए सोलर सिस्टम और फिलट्रेशन पलांट भी ल
पीड़िता ने पुलिस को बताया कि उनका 28 वर्षीय पोता दुमका में एलआईसी क़ॉलोनी में रहता है। बुधवारर की रात वो गांव आया था। रात को खाना खाने के बाद उसने दादी के साथ सोने की जिद की। दादी ने उसे अपने साथ ही सुला लिया। परिवार के अन्य सदस्य दूसरे कमरे में थे। पीड़ि
एसडीपीओ नूर मुस्तफ़ा ने कहा कि इस बैठक में सभी समुदाय के लोग आए। सभी लोगों ने इस पर्व शांतिपूर्ण मनाने का आश्वासन दिया। वादा किया है कि वे लोग पर्व में शांति-सौहार्द बनाएं रखेगें। पुलिस प्रशासन भी इस पर पूरी नज़र बनाये हुए है। सोशल मीडिया पर भी नज़र रखी जा र
गौरतलब है कि रांगा गांव (Ranga Village) में कुल पांच टोला हैं। इसमें 255 मकान हैं। गांव में कई साल पहले पीसीसी सड़क का निर्माण कराया गया था लेकिन हर मानसून में ये सड़क थोड़ी-थोड़ी धुलती गई और अब केवल पत्थर और मिट्टी ही बची है। 255 परिवारों की प्यास बुझाने
इस अवसर पर जिला प्रशासन के पदाधिकारी गण भी उपस्थित थे। होमगार्ड के जवानों द्वारा काफी कम समय में ही परेड की तैयारी कर शानदार प्रदर्शन किया गया। सर्वप्रथम खुलR जीप में मुख्य उप-महानिरीक्षक संथाल परगना क्षेत्र पंक्तिवध जवानों का निरीक्षण किया। इसके पश्चा
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दुमका दौरे पर हैं। आज वह दुमका को सौगात देने वाले हैं। सर्वजन पेंशन योजना समारोह में वह भाग लेंगे। इसके अलावा कई योजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे।
ये नजारा दरअसल, झारखंड की उपराजधानी दुमका के मसलिया प्रखंड का है। मसलिया प्रखंड के सुग्गापहाड़ी पंचायत अंतर्गत आने वाले संताल और पहाड़िया जनजाति बहुल आमगाछी पहाड़ गांव वर्षों से मूलभूत सुविधाओं से मरहूम है। 80 परिवार वाले इस गांव में आजादी के 75 साल और झा
दुमका जिला के सुप्रसिद्ध तीर्थ स्थल बाबा बासुकीनाथ धाम में आज सावन की पहली सोमवारी धूमधाम से मनाई जा रही है। लोटे में पवित्र गंगाजल लिए श्रद्धालु रात के 2 बजे से कतारबद्ध होकर बाबा बासुकी के मंदिर खुलने की प्रतीक्षा कर थे।
मसलिया थाना क्षेत्र गोलबंधा पहाड़ी के पास एक नवजात बच्ची बरामद की गई है। पुलिस ने बच्ची की नाजुक हालत देखते हुए उसे अस्पताल में भर्ती करवाया है। डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची का वजन एक किलो तीन सौ ग्राम है।
पानी के लिए जद्दोजहद करते ग्रामीणों की ये तस्वीर दुमका (Dumka) की है। दुमका के गोपीकांदर प्रखंड (Gopikandar Block) मुख्यालय से 15 किमी दूर टायजोर पंचायत के मुड़ासोल गांव (Mudasol Village) में पेयजल की घोर किल्लत है। बीते कई वर्षों से यहां के लोग पानी से स
श्रावणी मेला के मद्देनजर दुमका एसपी अंबर लकड़ा (Dumka SP Amber Lakra) एवं एसडीओ महेश्वर महतो ने बासुकीनाथ धाम स्थित मंदिर सभागार में पुलिस अधिकारियों के साथ एक आवश्यक बैठक की। एसपी अंबर लकड़ा ने बताया कि 2 वर्षों के अंतराल के बाद लगने वाले श्रावणी मेले के
कैराबानी गांव के लोगों ने बताया कि चापाकल (chapakal) से रोजाना बमुश्किल 10 से 15 बाल्टी पानी ही मिल पाता है। गर्मियां हो या मानसून का सीजन। पेयजल संकट बना रहता है। गांव में 1 आंगनबाड़ी केंद्र और 1 प्राथमिक विद्यालय भी है। बच्चे यहां पढ़ने जाते हैं। शर्मना