द फॉलोअप डेस्कः
झारखंड राज्य के गठन के बाद पहली बार राज्य सरकार अंतर्राज्यीय जलमार्ग प्राधिकरण बोर्ड और पथ परिवहन निगम की स्थापना करने जा रही है। इस कदम का उद्देश्य राज्य में परिवहन और पर्यटन के नए अवसरों को बढ़ावा देना है। परिवहन विभाग ने इन दोनों योजनाओं को कार्यान्वित करने का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2025-26 के बजटीय प्रावधान में रखा है। राज्य के विभिन्न जलमार्गों (वाटरवेज) को परिवहन, पर्यटन और अन्य उद्देश्यों के लिए विकसित करने के लिए झारखंड अंतर्राज्यीय जलमार्ग प्राधिकरण बोर्ड का गठन किया जाएगा। फिलहाल, साहिबगंज जिले में स्थित गंगा नदी पर एकमात्र जलमार्ग उपलब्ध है, जिसके कारण वहां व्यापार, आवागमन और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। सरकार का उद्देश्य अब अन्य जलमार्गों का भी पता लगाना है, जिसके लिए प्राधिकरण बोर्ड एक विस्तृत सर्वेक्षण करेगा।
परिवहन विभाग के अनुसार, जलमार्गों के जरिए परिवहन को सस्ता और सुविधाजनक बनाने के लिए इस प्राधिकरण बोर्ड का गठन किया जाएगा। जल परिवहन प्रणाली के विकास से अन्य यातायात साधनों पर दबाव कम होगा और व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा। प्राधिकरण बोर्ड के माध्यम से विभिन्न पर्यटन स्थलों को जलमार्ग से जोड़ने और उन्हें आकर्षक बनाने की कोशिश की जाएगी। इसका परिणाम यह होगा कि पर्यटकों को एक नया अनुभव मिलेगा और राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। सरकार का यह कदम जल परिवहन को बढ़ावा देने और राज्य के आर्थिक विकास को तेजी से आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा।
परिवहन विभाग का झारखंड राज्य पथ परिवहन निगम की स्थापना का प्रस्ताव है। इसके गठन होने से राज्य के दूरदराज के इलाकों में नियमित रूप से बस सेवा मिल सकेगी। वैसे गांव जो अभी तक जिला मुख्यालय से नहीं जुड़ पाए है, उन्हें सड़क मार्ग से जुड़ने के लिए योजना बनेगी। परिवहन निगम के गठित होने से आम लोगों को भी कई यात्राएं से जुड़ी कई सुविधाएं मिल सकेंगी। बता दें कि संयुक्त बिहार के समय बिहार राज्य पथ परिवहन निगम का संचालन होता था। अलग झारखंड राज्य बनने के बाद निगम का अस्तित्व समाप्त हो गया। उसके बाद से अभी तक इसका गठन नहीं हो सका है। निगम के नहीं होने से परिवहन से जुड़ी कई योजनाएं और दूरदराज के क्षेत्र को बेहतर परिवहन सेवा देने में काफी परेशानी हुई।
परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा है कि पथ परिवहन निगम की स्थापना की मांग लंबे समय से लंबित है। विभाग के मद में राशि पहले से ही उपलब्ध है। नदी से जलमार्ग का उपयोग वर्तमान में केवल साहिबगंज में हो रहा है। अन्य जगहों पर इसकी उपयोगिता की तलाश की जाएगी। अगले वित्तीय वर्ष में विभाग इन योजनाओं को धरातल पर उतारेगी।