उत्तराखंड के अल्मोड़ा से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां करीब 40 से अधिक यात्रियों से भरी बस गहरी खाई में गिरने से भीषण सड़क हादसा हो गया।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा से बड़ी खबर सामने आ रही है। यहां करीब 40 यात्रियों से भरी बस गहरी खाई में गिरने से भीषण सड़क हादसा हो गया।
चारधाम के मंदिर परिसर के 50M के दायरे में मोबाइल फोन पर पाबंदी लगा दी गई है। अब धामों के मंदिर परिसर में श्रद्धालु न फोटो खींच पाएंगे और न ही वीडियो बना पाएंगे।
उत्तराखंड के जंगलों में लगी का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस ममले में आज सुनवाई होनी है। वहीं खबर लिखे जाने तक आग में जलकर 6 लोगों की मौत हो चुकी है।
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ क्षेत्र से प्रेम प्रसंग और धोखे का अजीब-ओ-गरीब मामला सामने आया है। यहां पहले तो एक युवक ने शादीशुदा महिला से जमकर प्यार का नाटक किया। शादीशुदा महिला भी उसके प्यार के झांसे में आ गई।
उत्तराखंड के हरिद्वार में ब्लड कैंसर से पीड़ित 5 वर्षीय बच्चे की हत्या कर दी गई। हत्या का आरोप माता-पिता पर ही लगा है। आरोप है कि गंगा स्नान के बहाने माता-पिता ने बच्चे को इतनी देर तक डुबोये रखा कि उसकी मौत हो जाए।
उत्तराखंड के CM पुष्कर धामी के हेलीकॉप्टर को स्टार्ट करने के लिए धक्के लगाने पड़े। ये मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
आज कल शादियों का सीजन चल रहा है। ऐसे में तरह-तरह की खबरें सामने आ रही है। इसी बीज एक खबर सामने आई है उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से। जहां एक दुल्हन को पूरी रात सड़क पर गुजारनी पड़ी। दरअसल शादी की पूरी तैयारियों के साथ दूल्हा बारात लेकर पहुंचा था, दुल्हन भ
यमुनोत्री राजमार्ग पर निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग में भूस्खलन के बाद तीन दिन से फंसे सभी 40 श्रमिक सुरक्षित हैं। इन श्रमिकों को रोशनी का इंतजार है। मजदूर ये उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जल्द ही उनको बाहर निकाल लिया जाएगा।
रिटायर जस्टिस रंजना देसाई की अध्यक्षता में बनी समिति ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की है। देसाई इस रिपोर्ट को सीएम पुष्कर सिंह धामी को सौंपने वाले हैं।
भारतीय जनता पार्टी के कुछ प्रमुख एजेंडो में से एक यूनिफॉर्म सिविल कोड भी रहा है। भारतीय जनता पार्टी जब साल 2014 में सत्ता में आई थी तो राम मंदिर, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 की समाप्ति के साथ यूनिफॉर्म सिविल कोड भी उनके एजेंडे में शामिल था। बीजेपी लंबे व
माता-पिता अपने बेटे और बहु के खिलाफ कोर्ट की शरण में हैं। माता-पिता ने अपने बच्चों से 5 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा है। यही नहीं, माता-पिता ने कोर्ट से कहा है कि बच्चे या तो हमें हमारा पोता और पोती दें या फिर 5 करोड़ रुपये का मुआवजा दें। मामला उत्तराखंड क