केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू द्वारा संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले एक सर्वदलीय बैठक बुलाने की घोषणा की गई है।
झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र अंतिम पड़ाव पर है। गुरुवार को सत्र का अंतिम कार्य दिवस होने वाला है। इस दिन गैर-सरकारी संकल्प के साथ साथ सरकार सदन में अपना वक्तव्य देगी। अंतिम दिन भी हंगामे के आसार हैं। पिछले दिनों विपक्ष ने सदन के अंदर और बाहर सरकार को
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विधायक प्रदीप यादव ने सांसदों के निलंबन का मुद्दा उठाया। उन्होंने निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की। थोड़ी देर बाद सत्ता पक्ष के विधायक सुदिव्य सोनू, इरफान अंसारी, उमाशंकर अकेला सहित अन्य विधायक वेल में आ गए.
18 दिसंबर को विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा कार्य दिवस होगा। आज का दिन काफी महत्वपूर्ण है। इस दिन सरकार द्वितीय अनुपूरक बजट पेश करेगी। इसके अलावा सदन की कार्यवाही में प्रश्न काल, शून्य काल और ध्यान आकर्षण भी शामिल है।
बुधवार को झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन था। इस दिन कोर्ट फीस (झारखंड संसोधन विधेयक)-2021 सदन में पास हुआ। संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम ने बिल सदन में पेश किया था। गौरतलब है कि माले विधायक विनोद सिंह ने विधेयक को प्रवर समिति को भेजे जाने
हेमंत सोरेन ने वर्ष 2021 को नियुक्ति वर्ष घोषित किया था, लेकिन नियुक्ति वर्ष में नौकरियां छीनी गईं। नियुक्ति की जगह छंटनी ज्यादा हुई। यह बातें भाकपा माले विधायक विनोद सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि छह परीक्षाएं रद्द कर दी गयी। यह सही नहीं है, सवाल सरकार से
झारखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र का दूसरा दिन रोजगार और जेपीएससी मामले को लेकर पूरे दिन सदन गरमाया रहा। भाजपा के साथ-साथ माले और आजसू के विधायकों ने इस मामले पर सरकार को घेरने की कोशिश की। सदन में विपक्ष के हंगामे के बीच कुछ प्रश्न तो आये लेकिन ये सिर्फ ग