मैंने संस्कृत और उर्दू के अध्येता बलराम शुक्ल से पूछा। उन्होंने कहा कि यह रामचरितमानस ही है।
कब बदलेगी महिला को लेकर पुरुष की धारणा
अमरीकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने महात्मा गांधी के अहिंसा संबंधी विचार के हवाले से जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछा, और वो टाल गए।अमरीकी उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने भी लोकतंत्र की याद दिला दी थी।
विवेकानन्द के वक्त हिन्दू समाज में भी कई दोष दाखिल हो ही चुके थे। उनकी अनदेखी विवेकानन्द नहीं कर सकते थे। बाल विवाह, जाति प्रथा, वर्ग विभेद और सामाजिक अलगाव जैसी जड़ताओं से उन्हें बेसाख्ता नफरत थी।
'‘आने वाली नस्लें शायद मुश्किल से ही विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी धरती पर चलता-फिरता था’
'किसान क्रांति के प्रतीक को आज भी सम्मान प्राप्त है।
करीब सौ साल पहले तक दुनिया उसके बारे में जानती तक न थी।1925 में वर्जीनिया वूल्फ ने आर्थर वेली द्वारा किये गए उस उपन्यास के अंग्रेज़ी अनुवाद का रिव्यू न लिखा होता तो शायद ‘द टेल ऑफ़ गेन्जी’ को आज भी लोग नहीं जानते।
गांधी ने जमानत देने से इनकार कर दिया। न चंपारण छोडूंगा, न आंदोलन छोडूंगा।
स्वामी विवेकानन्द की दुनिया और हिन्दुत्व-जातिवाद में मतछुओवाद
दक्षेस (सार्क) के विदेश मंत्रियों की जो बैठक न्यूयार्क में होनेवाली थी, वह स्थगित हो गई है। उसका कारण यह बना कि अफगान सरकार का प्रतिनिधित्व कौन करेगा?
'‘हिन्द स्वराज‘ की तरह ’एकात्म मानववाद’ के व्याख्यानों में भी पश्चिमी नस्ल की शासन प्रणालियों की तीखी आलोचना है।