logo

Followup Special News

HEALTH सेहत : कई तरह के बुखारों के मौसम में कैसे करें घर बैठे उपचार

बुखार कभी भी और किसी को भी आ सकता है। जिनका इम्युन सिस्टम अच्छा होता है, उन्हें इंफेक्शन कम होते हैं इसीलिए उन्हें बुखार भी कम आता है और जिनका कमजोर होता है, उन्हें बार-बार आता है।

पौधे जो मन को भाए, आंखों की रोशनी बढ़ाए और घर-आंगन में लाए खुशियों की बहार 

अगर आपके घर में आंगन हो, कंपाउंड हो या बॉल्कोनी ही हो तो आप छोटे पौधे लगा सकते हैं।

हरिवंश राय बच्चन की याद: बैर बढ़ाते मंदिर-मस्जिद, मेल कराती मधुशाला

'हालावाद के अनन्य महाकवि हरिवंश राय बच्चन की आज जयंती है

पाकिस्तान यात्रा-17: मुग़ल बादशाह शाहजहां ने लाहौर के शाहदरा बाग़ में बनवाया था जहांगीर का मक़बरा

भारत के वे ऐतिहासिक स्थल जो अब पाकिस्तान में हैं, जानिये इस धारावाहिक में

समाजवादी-ललक-़13: लोहिया के बक़ौल सांवली स्त्री में कुदरती लावण्य और असीम प्रेम करने की अपूर्व गुंजाइशें रहती है

नारी के लिए लोहिया के मन में आदर देने की ललक थी। वे पूरी दुनिया लेकिन भारत में ज़्यादा नर नारी की गैरबराबरी को लेकर परेशान थे।

समाज के स्याह सच को उजागर करता उपन्यास -फ़ासले-दर-फ़ासले 

सच्चाई यह है कि साम्प्रदायिक भावना को हवा देते हैं हमारे राजनेता जिनके पास कोई संवेदना नहीं।

पाकिस्तान यात्रा-16: लाहौरी क़िला और महाराजा रंजीत सिंह की समाधि- न रख और न रखाव

यह किला महाराजा रंजीत सिंह के शासन में रहा जिनके द्वारा इसमें 'बारादरी राजा ध्यान सिंह' का निर्माण कराया गया।

समाजवादी-ललक-़12: लोहिया ने देश को कभी मां के फ्रेम में न देखकर अवाम के संकुल में देखा

'ठीक यही तो विवेकानन्द भी कहते थे कि देश का मतलब नदी, पहाड़, आसमान, वनस्पति और पशु पक्षी तक नहीं मुख्यतः मनुष्य हैं। 

पाकिस्तान यात्रा-15: अज़ान और अरदास की जुगलबंदी- गुरुद्वारे के पास ही है लाहौर में बादशाही मस्जिद 

यह एशिया की सबसे बड़ी मस्जिद थी। परंतु 1986 में इस्लामाबाद में फैसल मस्जिद, (सऊदी अरब के शाह फैसल के नाम से बनवाई गई है) के बनने के बाद यह एशिया की दूसरी बड़ी मस्जिद हो गई है।

समाजवादी-ललक-़11: जब अपने पथ प्रदर्शक नेहरू और उनके चिंतन से लोहिया ने तोड़ लिया था पूरी तरह नाता

लोहिया के जीवनकाल में ही जनसाधारण और गरीब लोग उन्हें महात्मा गांधी के बाद अपना सबसे बड़ा मसीहा मानने लगे थे।

समाजवादी-ललक-़10: दक्षिणपंथ और वामपंथ -किसके निकट थे लोहिया

वामपंथ के शीर्ष नेता नम्बुदिरिपाद से लोहिया की एक मायने में पटरी नहीं बैठती थी।       इसलिए नहीं कि नम्बुुदिरिपाद में और किसी मुद्दे को लेकर उसे मतभेद था। वह चीन के भारत पर आक्रमण के मुद्दे को लेकर तो था ही।

सोचाे ज़रा:  इंदिरा गांधी के एजेंडे में नहीं था हिंदुत्व, बाक़ी उनके काल को समझिये

'आज से 45 साल पहले लोकतंत्र की हिमायत करने वालों की सबसे बड़ी शत्रु मानी जाती थी इंदिरा गांधी।

Load More