संविधान में तो मूल अधिकारों के अमल की दुर्गति तथा पंचायती राज और राष्ट्रभाषा की अवधारणा का विलोप भी है।
गांधीवादी लेखक कनक तिवारी के माध्यम से लोहिया को समझने की कोशिश
किशन पटनायक के साथ लोहिया के निकट रहे बुद्धिजीवी और अब देश के सबसे बुजुर्ग समाजवादी सच्चिदानंद सिन्हा
जयपालसिंह मुंडा ने कहा था की- " हमें आदिवासी शब्द छोड़कर अन्य कोई दूसरा शब्द स्वीकार नहीं है।"
'इसी 15 नवंबर 1875 को खूंटी जिले के उलिहातु गांव में बिरसा मुंडा का जन्म हुआ था।
उन्नीसवीं सदी के अंत में झारखंड के पहाड़ी इलाके में एक क्रांतिकारी युवा ने अपने राज का बिगुल फूंक दिया था।
चाचा नेहरू" न सिर्फ जन्मदिन की वजह से हमारी स्मृति में हैं, कश्मीर भी है और 1962 का युद्ध भी
मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कैलाश नाथ काटजू (जस्टिस मार्कंडेय काटजू के दादा) इस मुहिम का नेतृत्व कर रहे थे
'सिंहभूम में सबसे पहले समुद्र से निकली थी धरती और सबसे पहले सुनामी भी आया था।
'नेहरू को सजदा करने की चाहत हर सच्चे मां भारती के सपूत के दिल में पैदा होती है।
गांधी और मार्क्स के पास सीखने के लिये बहुमूल्य धरोहर है, किन्तु सीखा तभी जा सकता है जब सीख का ढांचा किसी एक युग, एक व्यक्ति से नहीं पनपा हो।
'पंडित जवाहर लाल नेहरू, डॉ जंग बहादुर पाण्डेय, हिंदी विभाग राँची विश्वविद्यालय, राँची,