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Followup Special News

साबरमती का संत-49: महात्मा गांधी के धर्म और राजनीति का मतलब

दिक्कत धर्म में नहीं, धर्मों में बढ़ते कट्टरपंथ की वजह से है। उसके राजनीतिक इस्तेमाल की वजह से है।

सोचो ज़रा: रीति-रिवाज को भी सांप्रदायिक नज़रिये से देखना!

भाषाएँ धर्म की पहचान नहीं करातीं। भाषाओं का संबंध संस्कृति से होता है।

वीर! -4 : सावरकर के दर्शन में प्रतिशोध और प्रतिहिंसा के तत्व कितने - एक

''सावरकर के आधुनिक पाठ में उन्हें वैज्ञानिक, आधुनिक और तार्किक हिंदुत्व के प्रणेता तथा हिन्दू राष्ट्रवाद के जनक के रूप में प्रस्तुत किया जा रहा है।

साबरमती का संत-48: गांधी की अहिंसा पर बार-बार लौटते कुछ बुनियादी बातों को समझना होगा

'गांधी पाठशाला में गांधी से मुठभेड़-किसान आन्दोलन और गांधी

संयुक्त राष्ट्र संघ, भारत और जवाहरलाल नेहरु -इनके संबंधों की पड़ताल

जी हाँ वध स्थल था पहले, जहाँ संयुक्त राष्ट्र सचिवालय बनाया गया। अब यहाँ मानवता, समानता, विश्व कल्याण की बातें होती हैं।

प्रयाग: इलावास से इलाहाबास होते हुए इलाहाबाद बने शहर में अकबर का योग

इलाहाबाद शहर के वास्तविक संस्थापक थे सम्राट अकबर!

साबरमती का संत-47: किसानों को गांधी के अहिंसक रास्ते पर चलना चाहिए

'‘आने वाली नस्लें शायद मुश्किल से ही विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी धरती पर चलता-फिरता था’ - आइंस्टीन

उस बांग्लादेश के अल्पसंख्यकों की चिंता वाजिब, जिसका राष्ट्रगीत रवीन्द्रनाथ ने लिखा

भारत में जिस तरह बहुसंख्यक हिन्दुओं का वर्चस्वप्राप्त तबका धार्मिक उन्माद खड़ा कर अपना वर्चस्व कायम करना चाहता है ,वैसा ही बांग्लादेश का मुस्लिम वर्चस्वप्राप्त तबका भी करता है।

सोचाे ज़रा: पत्रकारिता के शोर के बीच एक पुरानी पत्रिका की कवर स्टोरी

धर्मयुग पत्रिका का जुलाई 1964 ई. का अंक -नेहरू की मौत पर आवरण कथा लेकिन..

साबरमती का संत-46: गांधी की अहिंसा में छुपी है किसान आंदोलन की कामयाबी

भारत का यह किसान आंदोलन राष्ट्रीय पर्व की तरह याद रखा जाएगा। वह अवाम के एक प्रतिनिधि अंश का आजादी के बाद सबसे बड़ा जनघोष हुआ है।

अन्‍याय के खि‍लाफ सार्वजनि‍क बड़ी प्रबुद्ध आस- अमर्त्‍य सेन

अनेक बुद्धि‍जीवी और वामपंथी मानवाधि‍कार का सवाल आते ही भड़कते हैं।

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