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उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ समाप्त हुआ महापर्व छठ, संपन्न हुआ 36 घंटे का निर्जला उपवास

लोक आस्था के महापर्व छठ का आज यानी 8  नवंबर को दूसरे दिन के अर्घ्य के साथ समापन हो गया।

महापर्व छठ का तीसरा दिन आज, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य; आस्था का दिखेगा सैलाब

चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ का आज यानी 7 नवंबर को तीसरा दिन है। इस दिन अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है अर्थात् डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है।

इस राज्य में बना भारत का सबसे बड़ा स्थाई छठ घाट, सफाई और सुरक्षा का रखा जाएगा विशेष ध्यान

आस्था का महापर्व छठ के लिए छत्तीसगढ़ के बिलासपुर के अरपा नदी तट पर भारत के सबसे बड़े स्थायी छठ घाटों में से एक बनाया गया है।

आज डूबते सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य, छठ घाट सजधज कर तैयार

लोक आस्था का 4 दिवसीय महापर्व चैती छठ का आज तीसरा दिन है। आज शाम को छठ व्रती डूबते हुऐ सूर्य की पूजा करेंगे और अर्घ्य देंगे, जबकि कल यानी सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चैती छठ का समापन होगा। छठ पूजा को लेकर पटना नगर निगम ने  श्रद्धालुओं के लि

छठ में भीड़ से निजात की कवायद, रांची से होकर चलेंगी 5 स्पेशल ट्रेनें, जानिये टाइमिंग और रूट

छठ पर्व जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, ट्रेनों में भीड़ बढ़ती जा रही है। छठ पर्व के मौके पर झारखंड से दिल्ली और उत्तर प्रदेश आने-जाने वाले यात्रियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि हो जाती है।

कुंती और द्रौपदी से कैसे जुड़ी है छठ पूजा, जानिए कब शुरू हुआ था लोक आस्था का महापर्व

छठ शब्द षष्ठी का अपभ्रंश है। कार्तिक शुक्ल पक्ष की पष्ठी को मनाए जाने के कारण इसे छठ पर्व कहा गया। कुछ दंतकथाओं में सूर्यदेव और छठी मैया का संबंध भाई-बहन का है। बिहार में प्रचलित कथाओं में सूर्य और छठी मैया का संबंध मां-बेटे का है। सूर्य को शंकर और पार्वत

रुनकी-झूनकी बेटी मांगील पढ़ल पंडितावा दामाद.... समाज की आत्मा हैं बेटियां

कल से लोक और आस्था का महापर्व छठ शुरू होने जा रहा है। इस पर्व के कई मायने और महत्व है। एक तरह से देखा जाए तो यह कामनाओं और मन्नतों का भी पर्व है। आमतौर पर महिलांए जहां पुत्र प्राप्ति के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार रहती है, तो इस पर्व को वह बेटियों के

राजधानी रांची से चलेगी छठ महापर्व स्पेशल ट्रेन, यात्रीगण! जान लीजिए रेलगाड़ी की टाइमिंग

लोक आस्था का महापर्व छठ 8 नवंबर से शुरू होने जा रहा है। बिहार और झारखंड के वैसे लोग जो दूसरे राज्यों में रहते हैं छठ पूजा पर घर आना चाहते हैं। झारखंड और बिहार से भी काफी संख्या में लोग दूसरे राज्यों में छठ पर्व मनाने जाते हैं। छठ महापर्व के दौरान ट्रेनों

नहाय-खाय के साथ कल से शुरू हो रहा है महापर्व छठ, कद्दू-भात खाने की परंपरा का क्या है महत्व

कल से छठ महापर्व शुरू होने जा रहा है। कद्दू-भात यानी नहाय खाय के साथ ही इसकी शुरूआत हो जाती है। दूसरे दिन 9 नवंबर को खरना होगा। 10 नवंबर को पहला व 11 नवंबर को दूसरा अर्घ्य होगा। छठ एक ऐसा पर्व है जिससे करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। कार्तिक मास के शुक्ल

छठ घाटों पर लगी रोक हटी, सोशल डिस्टेंसिंग के साथ पूजा-अर्चना की स्वीकृति मिली

नदी तालाबों में छठ घाटों पर अर्घ्य देने पर लगी रोक के आदेश को हेमंत सरकार ने अंतत वापस ले लिया है

सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है छठ तो घाट पर मनेगा चैलेंज

छठ घाट पर अर्ध नहीं देने के निर्देश के बाद एक और जहां सड़कों पर नेताओं के प्रदर्शन हो रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर भी विरोध अपने चरम पर है

छठ घाटों के मद्देनजर छठव्रतियों में संशय बरकरार, सरकार की नई गाइडलाइन का इंतजार

शहर के नदी-तालाब के घाटों में छठ पूजा करने को लेकर छठव्रतियों में संशय बरकरार है

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