कृषि पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के सचिव अबू बकर सिद्दीकी ने कहा कि किसानों की मदद के लिए 24 घंटे कॉल सेंटर के साथ हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत होगी।
झारखंड सरकार किसानों को ऋण माफी योजना का लाभ देने पर विचार कर रही है। दरअसल 'झारखंड कृषि ऋण माफी योजना' का लाभ लेने के लिए कम किसान आने लगे हैं। किसानों की कम संख्या को देखते हुए अब कृषि विभाग अब नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट (एनपीए) घोषित खाताधारी को ऋण माफी योजना
विपक्ष के हंगामे के बीच सोमवार को वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए 3130 करोड़ रुपये का अनुदान मांग पारित हुआ। बजट पर चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि 2 वर्षों में राज्य के 3 लाख 80 हजार 150 किसानों का 50 हजार रुपये का कृषि ऋण माफ किया ग
झारखंड विधानसभा का बजट सत्र जारी है। सोमवार को सदन में कृषि विभाग के अनुदान मांग पर चर्चा हुई। इस दौरान पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव ने अपनी ही सरकार को घेरा। कहा कि कृषि विभाग का काम धरातल पर नहीं दिख रहा है। जैविक खाद में घोटाला हो रहा है। मिल्क फेडरेश
वित्त मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा कि किसान और उनकी प्रगति सरकार की प्राथमिकता है। वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए पेश किए गये बजट में किसानों की आय बढ़ाने तथा उनको स्वरोजगार से जोड़ने के लिए कई प्रावधान किए गये हैं। सदन में अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री
कृषि बिल वापस लिया जा चुका है। कृषि मंत्री कह चुके हैं कि किसानों की मांग मान ली गई है। अब उनको घर वापस लौट जाना चाहिए। हालांकि, शीतकालीन सत्र में किसान आंदोलन का मामला थमता नहीं दिख रहा है। मंगलवार को लोकसभा में राहुल गांधी ने कहा कि मैं चाहता हूं कि किस
अपने बयानबाजियों को लेकर हमेशा सुर्खियों में रहने वाली कंगना रनौत मुश्किलों में फंसती दिखीं। पंजाब में कंगना रनौत की गाड़ी को किसानों ने घेर लिया। गुस्साए किसान कंगना के खिलाफ नारेबाजी करते दिखे । इस घटना का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। जिसमें कंगना खुद
अनवीकरणीय संसाधन सीमित मात्रा में हैं, इसलिए कई साल पहले से ही सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन की तरकीब की खोज कर ली गयी थी। यह काफी हद तक कारगार भी साबित हुई। आज कई ऐसे राज्य हैं जहां सौर ऊर्जा से निर्बाध बिजली सप्लाई की जा रही है। झारखंड में तो अब कृषि बहुल
हरियाणा के बहादुरगढ़ में किसानों की महापंचायत जारी है। बहादुरगढ़ में तीन कृषि कानूनों के विरोध की पहली बरसी पर किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया। इसमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया। कई किसान नेता भी इस महापंचायत में पहुंचे। यहां किसानों ने कानून व
कुछ ही दिन पहले हमलोग इस बहस से होकर गुजर रहे थे कि 1947 को मिली आजादी असली आजादी नहीं थी, क्योंकि अंग्रेजों ने हमें ताकत के बल पर गुलाम बनाया था और जाते वक्त उन्होंने हमें भीख में आजादी दे दी गयी। यह सिर्फ अभिनेत्री कंगना राणावत का तर्क नहीं था, देश का ए
एकता और संघर्ष के सूत्र वाक्य के साथ सेंटर आफ इंडियन ट्रेड यूनियंस की तीन दिवसीय बैठक का आगाज
प्रदर्शनकारी कृषि कानून रद्द करो, केन्द्रीय गृह मंत्री अजय मिश्र को बर्खास्त करो आदि नारे लगा रहे थे।