विभिन्न विभागों में जरूरत के हिसाब से चिकित्सकों की कमी बेहतर इलाज में आड़े आ रही थी। इसे देखते हुए सरकार ने रिम्स के विभिन्न विभागों के लिए बंपर वैकेंसी निकाली हैं। रिक्तियां भरने के बाद रिम्स की स्वास्थ्य सुविधा कई मायनों में उन्नत मेडिकल संस्थानों जैसी
झारखंड हाईकोर्ट में रिम्स नियुक्ति मामले में आज सुनवाई हुई। कोर्ट ने सरकार को यह निर्देश दिया कि रिम्स गवर्निंग बॉडी की बैठक कर नियुक्ति से संबंधित नियमावली में रोस्टर के बिंदु को संशोधित किया जाये। सुनवाई में स्वास्थ्य सचिव और रिम्स निदेशक भी वीडियो कॉफ्
रिम्स में थर्ड और फोर्थ ग्रेड के 300 कर्मचारियों को 4 माह से वेतन नहीं दिया गया है। बुधवार को वेतन नहीं मिलने से आक्रोशित कर्मचारी रिम्स निदेशक से मिलने प्रशासनिक भवन पहुंचे है, लेकिन उनकी मुलाकात निदेशक से नहीं हो पायी। ये सभी आउटसोर्स कर्मचारी श्री राम
रिम्स के निदेशक डॉ. कामेश्वर प्रसाद आज अपने ही अस्पताल के डॉक्टरों से नाराज होते दिखे। उन्होंने रिम्स के प्रसाशनिक भवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित किया था। जहां वह बोले कि मैं इस अस्पताल को नियम-कानून से चलाना चाहता हूं, लेकिन इससे कुछ डॉक्टरों को पर
रांची के रिम्स ने चिकित्सा विज्ञान के क्षेत्र में एक और उपलब्धि हासिल की है। रिम्स में एक कैंसर पीड़ित मरीज की जीभ खराब हो गई थी। चिकित्सकों ने उसके हाथ से मांस लेकर जीभ बना दी। रिम्स के चिकित्सक डॉ. जाहिद मुस्तफा खान और प्लास्टिक सर्जन डॉ. विक्रांत रंजन
चीफ जस्टिस रवि रंजन और एस एन प्रसाद की बेंच में रिम्स नियुक्ति मामले में आज सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने रिम्स से नाराजगी जाहिर की है। कोर्ट ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा है कि आखिर रिम्स चर्तुथ वर्गीय कर्मचारियों की बहाली क्यों नहीं कर रहा है।
रिम्स में जन औषधि केंद्र में आज से 7 प्रतिशत डिस्काउंट के साथ जेनरिक दवाएं मिलेंगी। रिम्स स्थित जन औषधि केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी अब बिंध्या मेडिको को दी गई है। यह एजेंसी मरीजों को सात प्रतिशत तक की छूट देगी। जेनरिक दवा सस्ती दर मिलती है,
रांची रिम्स में पीपीपी मॉडल पर काम कर रही हेल्थमैप नाम की एजेंसी ने अस्पताल में मरीजों का फ्री टेस्ट करना बंद कर दिया है। मिली जानकारी के मुताबिक रिम्स प्रबंधन ने हेल्थमैप एजेंसी को 4 करोड़ रुपया बकाये का भुगतान नहीं किया है। बकाया भुगतान नहीं होने से मरी
रिम्स के स्त्री रोग विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से 28 वर्षीय महिला सीमा देवी पिछले 1 महीने से दर्द में थी। दरअसल डाक्टर मीना मेहता की यूनिट के डाक्टरों ने महिला के पेट में तौलिया छोड़ दिया था। सीमा को काफी दर्द होता
कोरोना की तीसरी लहर में मरीजों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर रिम्स ओपीडी में फर्स्ट हाफ में मरीजों की संख्या लिमिट कर दी गई थी। अब चूंकि तेजी से कोरोना मरीजों की संख्या में कमी आ रही है, रिम्स प्रबंधन ने लिमिट को हटाने का फैसला किया है। मिली जानकारी के मुता
रिम्स के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को पत्र लिखा है। पत्र के जरिये मांग की गई है कि फ्रंटलाइन वर्कर्स को कोविड वैक्सीन का बूस्टर डोज दिया जाये और रिम्स में अविलंब जीनोम सिक्वेंसिंग मशीन उपलब्ध करवाई जाये। पत्र में ज
रिम्स में जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को कार्य बहिष्कार कर दिया है। यह नाराजगी नीट पीजी की काउंसिलिंग में हो रही देरी और दिल्ली पुलिस की ओर से की गई बर्बरतापूर्ण कार्रवाई से है। RIMS के 15 से ज्यादा OPD से लगभग 250 डॉक्टर मौजूद नहीं हैं जिससे मरीजों को काफी