गढ़वा के एक सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने के बजाय बालू, सीमेंट और गिट्टी ढो रहे हैं। जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन बच्चों को काम में लगाये जाने की खबर स्कूल प्रबंधन को भी है।
गढ़वा के एक सरकारी स्कूल में बच्चे पढ़ने के बजाय बालू, सीमेंट और गिट्टी ढो रहे हैं। जानकर हैरानी हो सकती है, लेकिन बच्चों को काम में लगाये जाने की खबर स्कूल प्रबंधन को भी है।
क्या ही अच्छा हो अगर शौक को करियर बनाने का भी मौका बचपन से ही मिलने लगे। इसी सोच के साथ झारखंड का शिक्षा विभाग बच्चों की बनायी कलाकृतियों की प्रदर्शनी कल यानी 3 नवंबर से करने जा रहा है।
आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में पिछले 5 साल में बाल विवाह के 34 मामले दर्ज किए गए हैं। यह काफी चिंताजनक बात है।
छोटी उम्र (नाबालिक) में काम करने वाले बच्चों को लेकर राज्य सरकार सख्ती से अभियान चलाकर श्रम प्रतिशोध कानून का पालन करा रही है. इस सिलसिले में एक जून 2023 से राज्य के 24 जिलों में बाल श्रम मुक्त राज्य बनाने की दिशा में कदम बढ़ाये जा चुके हैं.
राज्यपाल रमेश बैस ने गुरुवार को एसोसिएशन फॉर अडवोकेसी एंड लीगल इंसेटिव्स ट्रस्ट द्वारा होटल बीएनआर चाणक्या में आयोजित बाल विवाह परिचर्चा में हिस्सा लिया। राज्यपाल ने कार्यक्रम में बाल विवाह उन्मूलन हेतु अली संस्था से जुड़कर काम करने वाली 3 बालिकाओं श्वेता
तीनों बच्चे अपने घर से पुराने घर जाने की बात बोलकर बाहर निकले थे। लेकिन जब शाम 4 बजे घर वापस नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन शुरू हुई।
झारखंड खनिज संपदा के साथ प्राकृतिक रूप से भी बहुत मालोमाल है। वहीं खेल के मामले भी इसका जोड़ नहीं। सूबे के कई खिलाड़ी विश्व स्तर पर अपनी प्रतिभा का परचम फहरा चुके हैं। सरकार जल्द ही जिला एवं राज्यस्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रही है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों देश के नाम संबोधन के दौरान ऐलान किया था कि 15 से 18 वर्ष की आयु वर्ग वाले किशोरों अथवा बच्चों को कोरोना का टीका लगाया जायेगा। पीएम ने बताया था कि बच्चों का वैक्सीनेशन 3 जनवरी से शुरू होगा। अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्
आस्था के नाम पर लोग ना जाने कैसी-कैसी हरकतें कर जाते है। एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। देखा जा सकता है कि बच्चों को गोबर में फेंका जा रहा हैं। माना जाता है कि ऐसा करने से बच्चे स्वस्थ रहते है। गोबर के बीच रोते-बिलखते बच्चों को देख किसी को भी
पलामू बाल गृह में एक बाल कैदी की मौत हो गई। जानकारी के अनुसार वो काफी दिनों से बीमार था। उसका इलाज मेदिनीराय मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में चल रहा था। बेहतर इलाज के लिए उसे रिम्स रेफर किया गया था। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
आरा का रहने वाला एक बच्चा अपने ननिहाल आया था। 7 सितंबर को जब उसे भूख लगी तो वह पड़ोस वाली मामी के घर में घुस गया। फ्रिज खोलकर उसमें रखी सारी मिठाई खा ली और फ्रिज के ऊपर रखा मोबाइल लेकर निकल गया। मोबाइल से गेम खेल रहा था, तभी पड़ोस वाली मामी ने उसे पकड़कर पुल