logo

Followup Special News

पड़ताल : क्या मुस्लिम देशों के दवाब में BJP ने नुपूर शर्मा को निलंबित कर दिया, जानिए पूरा मामला! 

भारतीय जनता पार्टी ने अपनी राष्ट्रीय प्रवक्ता नुपूर शर्मा को ये कहते हुए 6 साल के लिए निलंबित कर दिया कि हम किसी भी ऐसे बयान का समर्थन या प्रोत्साहन नहीं करते, जो किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाती हो। पार्टी ने कहा कि नुपूर शर्मा ने जो भी कहा, वो उन

वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे : फास्ट फूड का बढ़ता चलन दे रहा बीमारियों को दावत

इस दिन का उद्देश्य लोगों को साफ, सुरक्षित और पौष्टिक खाने के महत्व को बताना है और उनके प्रति जागरूक करना है। हर साल फास्‍ट फूड्स का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है और लोग कई तरह की बीमारियों से ग्रस्‍त हो रहे हैं।  ऐसे में ज़रूरी है कि लोग अपनी बेहतर सेहत के ल

Success Story : कोचिंग की मदद लिए बिना इंटरनेट के सहारे राघवेंद्र ने किया UPSC क्रैक, पढ़िए सफरनामा! 

दिल्ली के राघवेन्द्र शर्मा ने UPSC में 340 रैंक प्राप्त किया है। हालांकि, उनकी तैयारी से लेकर सफलता तक का सफर आसान नहीं था।  24 साल के राघवेन्द्र ने इंटरनेट पर मौजूद स्‍टडी मटीरियल से तो कभी दोस्‍त से नोट्स मांगकर पढ़ाई की है। उन्होंने अपने मेहनत और लगन स

रिपोर्ट : भारत में बढ़ती बेरोजगारी से महिलाओं की हालत ज्यादा ख़राब,5 साल में सवा करोड़ महिलाओं ने रोजगार खोया

भारत में बेरोजगारी की समस्या से हर कोई वाक़िफ़ है। मगर आकड़े यह बताते हैं कि इस समस्या से जूझने में महिलाओ की संख्या ज्यादा हैं। देश की आधी आबादी यानी महिलाओं के रोजगार की समस्या बीते 5 साल  में बढ़ी हैं। करीब सवा करोड़ महिलाओं का रोजगार छिना है। इसमें 25 लाख

फॉलोअप स्पेशल : सीएम हेमंत सोरेन की विधायकी जाने की चर्चा के बीच गौण हो गये राज्य के ये पांच बड़े मुद्दे

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से जुड़े खनन पट्टा लीज मामले को लेकर बीते करीब 1 महीने से झारखंड का माहौल गरमाया हुआ है। रोजगार, खतियान, भाषा और बिजली पानी के संकट पर चर्चा नहीं हो रही। मीडिया, सोशल मीडिया, घरों का डाइनिंग रूम हो या नुक्कड़ पर चाय की टपरी, हर जगह

Jharkhand : बदहाल है झारखंड की नदियां, पीना तो दूर मछलियों के रहने लायक भी नहीं बची

दिन प्रति दिन झारखंड की नदियों का हाल बेहाल होता जा रहा है। इसके बाद बी आपको ये लग रहा है कि ये इस साल की गर्मी के कारण हो रहा है तो आपको ये बता दें कि ये मौसम नहीं बल्कि इंसानों की वजह से हुआ है। झारखंड की नदियां इतनी ज्यादा प्रदूषित हो गई हैं कि ना तो अ

सियासत : क्या कल्पना सोरेन होंगी राज्य की अगली सीएम, जानिए क्यों गहरा सकता है संवैधानिक संकट! 

20 मई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को केंद्रीय निर्वाचन आयोग की नोटिस का जवाब देना है। यदि 20 मई के बाद चुनाव आयोग का फैसला खनन पट्टा लीज मामले में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ आता है। यदि ऑफिस ऑफ प्रॉफिट के मामले में हेमंत सोरेन को दोषी करार देकर उनकी

बचपन : चहारदीवारी में कैद ना करें बच्चों का बचपन, उनको प्रकृति की गोद में खेलने दें

एक पुरानी कहावत है- "हम यह  धरती अपने बच्चों से उधार लेते हैं"। यानी वे संसाधन जिनका आज हम या तो इस्तेमाल करते हैं या दोहन कर रहे हैं वो हमारे आने वाली नस्ल की धरोहर है। अपने  गांव या शहर की गलियारों में गुजरा वह बचपन याद कीजिए। पता नहीं चलता था कि अहले स

पूजा सिंघल प्रकरण : सफेदपोशों को सता रहा है भेद खुलने का डर, खुलेंगे चौंकाने वाले राज! 

भ्रष्टाचार और झारखंड का साथ मानो चोली दामन जैसा है। छुड़ाए नहीं छूट रहा है। यह पहली दफा नहीं है जब भ्रष्टाचार के दाग  ने झारखंड को देश भर में शर्मसार किया  हो। झारखंड के सफेदपोश पहले भी भ्रष्टाचार के कारनामों से दुनिया भर में प्रदेश की छवि धूमिल करते रहे ह

Monsoon : क्या समय से पहले आ जाएगा मानसून! क्यों कभी जल्दी तो कभी देरी से होती है बारिश...

जब भी इंसान गर्मी में पसीने से तर बतर हो जाता है तो बस एक ही दुआ मांगता है की मानसून आ जाए लेकिन ये मानसून किसी की दुआओं से नहीं आता। मानसून के आने और जाने का अपना वक्त होता है। आपको बता दें के मानसून हर वर्ष सबसे पहले जून में केरल में आता है। वहां जून के

शर्मनाक : बेरोजगारी बन गई है झारखंडी युवाओं की नियति, देश का छठा सबसे बेरोजगार राज्य है झारखंड

वादा रोजगार का है लेकिन सच बेरोजगारी है। दावा काम का है लेकिन हकीकत बेकारी है। सुर्खियों में भले ही कारण महामारी को बताया जा रहा है लेकिन वजह सरकारी है। बेरोजगारी महज शब्द, आंकड़ा और तथ्य नहीं है बल्कि इसमें अधूरे ख्वाब, टूटा हुआ सपना, नाउम्मीदी, हताशा, न

सियासी शिगूफा : बाबूलाल मरांडी को भविष्य दिखता है, राजनीतिक ज्योतिषाचार्य हैं पूर्व मुख्यमंत्री!

बाबूलाल मरांडी आजकल ज्योतिष विद्या में भी निपुण हो गये हैं। पूर्व मुख्यमंत्री की भविष्यवाणियां इतनी सटीक साबित हो रही हैं कि बड़े से बड़ा ज्योतिषी भी चाय कम पानी लगे। राजनीति में एग्जिट पोल का अपना महत्व है लेकिन, इसकी भी एक सीमा है। भारत के चुनावी इतिहास

Load More