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शक्ति वामा-8: माँ यानी करुणा, वात्सल्य, त्याग और तपस्या

'जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। मां की महिमा अनंत है।

शक्ति वामा-7: सभी स्त्रियों के भीतर उपस्थित मां दुर्गा को हमारा प्रणाम !

दुनिया की लगभग सभी संस्कृतियों में विपत्ति की घड़ी में देवी -देवताओं के आगे नतमस्तक होकर उनकी स्तुतियां गाने, रोने-गिड़गिड़ाने और दया की भीख मांगने की परंपरा रही है।

शक्ति वामा-6: तब अटल बिहारी वाजपेयी ने इंदिरा गांधी को कहा था मां दुर्गा

इतिहास आज भी बुलंद खड़ा है जिसको आगे वाली पीढ़ियों तक पहुँचाया जाना चाहिए।

चाला अखरा खोड़हा: आदिवासी संस्कृति और परंपरा को बचाने की अनोखी कवायद, 1200 लोगों को मिल रहा रोजगार 

'आदिवासी संस्कृति और परंपरा को बचाने के लिए रांची के ‘चाला अखरा खोड़हा’ नामक संस्था के द्वारा सराहनीय प्रयास किया जा रहा है। पारंपरिक वाद्य यंत्र, शिल्प कला, वेश भूषा, हथियार और कई तरह की चीजों का निर्माण और उनके विक्रय को एक चैनल के माध्यम से संचालित किय

समाजवादी-ललक-2: डॉ.राममनोहर लोहिया ने 71 साल पहले हिंदुत्‍व पर क्‍या लिखा था, पढ़िये

भारतीय इतिहास की सबसे बड़ी लड़ाई हिन्दू धर्म में उदारवाद और कट्टरता की लड़ाई , पिछले पांच हजार सालों से भी अधिक समय से चल रही है और उसका अन्त अभी भी दिखाई नहीं पड़ता ।

समाजवादी-ललक: गांधी के बाद लोहिया के सांस्कृतिक मानस से सबसे अधिक प्रभावित प्रबुद्ध

आज डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्यतिथि है। सिर्फ 57 साल की उम्र में दिल्ली के तत्कालीन विलिंग्डन-क्रिसेंट अस्पताल में प्रोस्टेट के ऑपेरशन के बाद डॉक्टरों की लापरवाही से 12 अक्टूबर 1967 को उनकी मौत हो गयी थी।

शक्ति वामा-5: हर स्‍त्री मेंं विद्यमान रहते हैं दुर्गा के नौ रूप

देवी दुर्गा के रूप शक्ति, स्त्रीत्व और समृद्धि के प्रतीक हैं। इन स्वरूपों की पूजा करते हुए स्त्री रूपी इन देवियों के भव्य रूप हमारी चेतना में उपस्थित रहते हैं।

साबरमती का संत-35: महात्‍मा गांधी की विनम्रता सायास हथियार नहीं नैसर्गिक गुण रही

सुभाष बाबू ने अपनी एक सैन्य टुकड़ी का नाम गांधी के नाम पर भी रखा। हालांकि सुभाष बोस के त्रिपुरी कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद शायद गांधी के इशारे पर कार्यसमिति ने सहयोग नहीं किया।

जेपी स्मृति-3: संघर्ष वाहिनी की बैठक होनी थी, दुखद समाचार मिला जयप्रकाश नहीं रहे! 

'संघर्ष वाहिनी के सक्रिय सदस्‍य रहे वरिष्‍ठ पत्रकार श्रीनिवास का संस्‍मरण

चिंतन-पुरस्कार: पत्रकारिता के महानायक बनने के महासमर से गुज़र रहा भारत

10 साल के बाद पत्रकार बिरादरी को नोबेल शांति पुरस्कार मिला है।

शक्ति वामा-4: सुलभा, मैत्रेयी और गार्गी को भी जानना ज़रूरी

या देवी सर्वभूतेषु मातृरूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:||

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