संविधान की अष्टम् अनुसूची में स्वीकृत सभी 22 भाषाएँ राष्ट्र भाषाएँ हैं और व्यापक अर्थ में भारतवर्ष में जितनी भाषाएँ बोली, समझी और लिखी जाती हैं, वे सब राष्ट्रभाषा की गरिमा से युक्त हैं।
'बोस्निया हर्जे़गोबिना पर प्रोफ़ेसर गरिमा श्रीवास्तव की पुस्तक, 'देह ही देश'
समाजवादी लेखक प्रेमकुमार मणि के मार्फत जानिये हिंदी के राजभाषा बनने की कहानी
महात्मा गांधी का आत्मस्वीकार है कि विवेकानन्द की किताबों को पढ़कर उनकी देशभक्ति में इज़ाफा हुआ।
जितना भगतसिंह ईमानदार थे ठीक उतने ही गाँधी भी ईमानदार थे।
प्रधानमंत्री सहित कई ऐसे मंत्री हैं, जिन्हें संयुक्तराष्ट्र संघ ने आतंकवादी घोषित कर रखा है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी कहे जाने वाले आचार्य विनोबा भावे मूलत: एक सामाजिक विचारक थे
'गजानन माधव मुक्तिबोध की आज पुण्यतिथि है
मौजूदा समय पंजाब के कवि अवतार सिंह पाश का स्मरण बेहद जरूरी
''ममता कालिया की किताब जीते जी इलाहाबाद के बहाने
भक्ति चाहे किसी की भी हो यदि आंखें खोल कर न की जाए तो बुरी ही होती है।
गैरबराबरी का कम होना देश और देश की सभी जातियों के हित में होगा।