कोराेना की दहशत से अभी दुनिया उबरी भी नहीं थी कि रोज नए-नए वैरिएंट दस्तक देने लगे। इन दिनों ओमीक्रॉन पैर पसार रहा है। मेडिकल साइंस और डॉक्टर्स के बकौल इनसे बचाव के लिए सबसे उत्तम उपाय है अपनी इम्यूनिटी को मजबूत रखना।
ऐसी सुरीली आवाज़ जो हमारे सिनेमा की ही नहीं, हमारी सांस्कृतिक और राष्ट्रीय अस्मिता की आवाज़ रही। एक ऐसी आवाज़ जिसमें मंदिर की घंटियों और मस्जिद की अज़ान सी पाकीज़गी। ऐसी आवाज़ जो सदियों में कभी एक बार ही गूंजती है।
परमेश्वर की तीन महान शक्तियां हैं-महालक्ष्मी, महाकाली और महासरस्वती।धन के लिए लक्ष्मी, शक्ति के लिए काली और विद्या के लिए सरस्वती की समाराधना की जाती है। सरस्वती का सरलार्थ है गतिमती। वाग्देवी या सरस्वती आध्यात्मिक दृष्टि से निष्क्रिय ब्रह्म को सक्रियता प
आज आम बजट की चर्चा हो रही है...कभी ऐसे ही रेल बजट की चर्चा होती थी। रेल मंत्रालय अलग से बजट पेश करता था। घर में, ऑफिस में और यहां तक कि चाय की टपरी पर भी लोग चर्चा करते कि कौन सी नई ट्रेन चलने वाली है। कई राज्य नए दामाद की तरह खुश हो जाते क्योंकि उनको नई
23 जनवरी 2022। दिन रविवार। चाईबासा का मुफस्सिल थाना परिसर पूरे 4 घंटे तक रणक्षेत्र बना रहा। एक तरफ तकरीबन साढ़े 300 की संख्या में ग्रामीण थे तो दूसरी तरफ पुलिसकर्मी। ग्रामीणों के हाथ में ईंट-पत्थर, लाठी, तलवार और तीर कमान था। ग्रामीणों ने पारंपरिक हथियार
आज हमसब लोगों ने कर्पूरीजी को अतिपिछड़ा के चौखट पर टाँग दिया है। यह ठीक है कि सबकी तरह कर्पूरीजी की भी जाति थी। ऐसी जाति जो अतिपिछड़ों में भी पिछड़ी है। लेकिन कर्पूरीजी ने जो मुक़ाम हासिल किया है उसका आधार उनकी जाति में देखना उनको छोटा बनाना होगा। कर्पूरी
आज का दिन वह शुभ दिन है। जिस दिन भारत के एक महान स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था। देश भर में उनकी जयंती मनाई जा रही है। पीएम और राष्ट्रपति सहित कई मंत्रियों और नेताओं ने उनको याद किया। लेकिन आज हम आपको नेताजी से जुड़ी कुछ अलग और रोचक बात
25 सालों से नहीं सोया यह व्यक्ति, आँखों की पलक तक नहीं झपकता!
पिछलों दिनों लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाए जाने की बहुत चर्चा रही। पक्ष और विपक्ष में तर्क दिये जाते रहे। हालांकि एक स्त्री होने के नाते मैं शादी के लिए लड़कियों की उम्र 18 से 21 बरस किये जाने का स्वागत करती हूं।
आज के ही दिन 2005 के विधानसभा चुनाव के कुछ माह पूर्व कामरेड महेंद्र सिंह की निर्मम हत्या कर दी गयी थी। उनकी हत्या किसने की। इसको लेकर भ्रम की स्थिति कुछ दिनों तक रही। लेकिन मेरा नज़रिया पहले दिन से साफ था कि उनकी हत्या माओवादियों ने की है।
विवेकानंद के बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था ।उनका जन्म कोलकाता के सिमुलिया पल्ली में 12 जनवरी सन् 18 63 को मकर सक्रांति के उषाकाल में प्रख्यात एटर्नी जनरल श्री विश्वनाथ दत्त के घर में हुआ था। विवेकानंद पर अपनी माता के सद्गुणों का विशेष प्रभाव पड़ा। उनके
लोहिया लिखते हैं-‘‘नागरिक स्वाधीनता की रक्षा के लिये सभी प्रकार की खाइयां खोदनी चाहिये और किले बनाने चाहिये।