'30 सितम्बर, 1988 हैदराबाद सिन्ध के इतिहास को ‘ब्लैक फ्राइडे’ के नाम से जाना जाता है।
'सोशलिस्ट पार्टी कितने टुकड़ों में बँटी तथा कितनी सिद्धांतवादी रही यह तो खुद सोशलिस्टो को भी नहीं मालूम।
1947 से शुरु हुआ उनका सफर 1974 में उनकी अंतिम फ़िल्म सुहानी रात के साथ ही सिमट गया।
‘आने वाली नस्लें शायद मुश्किल से ही विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी धरती पर चलता-फिरता था’
'अपने सार्वजनिक जीवन में बेहद चंचल, खिलंदड़े, शरारती और निजी जीवन में बहुत उदास,खंडित और तन्हा किशोर कुमार रूपहले परदे के सबसे रहस्यमय और सर्वाधिक विवादास्पद व्यक्तित्वों में एक रहे हैं।
' पूंजीवादी शक्तियां भी मार्क्सवाद और गांधीवाद के सिद्धांतों को समझती हैं।
जै़दी साहब के वालिद अलीगढ़ की बातें करते-करते रोने लगते
जनसंख्या पर हो रही बहस के निहितार्थ पढ़िये बहस आबादी की समापन क़िस्त
जनसंख्या पर हो रही बहस के निहितार्थ पहली किस्त