logo

Followup Special News

IRON LADY-2: सर चढ़ कर बोलता रहा इंदिरा की विदेश नीति का जादू

उनके उम्दा कामों की लंबी फेहरिस्त है, प्रिविपर्स की समाप्ति, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, सोवियत रूस से मैत्री, सफल विदेश नीति, अंतरिक्ष में राकेश शर्मा से बात, बांग्लादेश का उदय, सिक्किम को भारत में विलय, कश्मीर में प्रधानमंत्री पद ख़त्म करना प्रमुख हैं।

जयंती: आचार्य नरेंद्र देव के विचारों की रौशनी में वर्तमान राजनीति में रास्ते की तलाश

ऐसे समय में जब हमारी राजनीति उग्र राष्ट्रवाद की गिरफ्त में  है और मुल्क की पूरी अर्थसत्ता पूंजीपतियों के कब्जे में, हमें उनकी बातें, उनके विचार और उनकी चेतावनी अपनी ओर खींच रहे हैं।

IRON LADY-1: मनुज नहीं अवतारी थी : इंदिरा गांधी दुर्गा रूप में नारी  थी

भारत की अखंडता और धर्मनिरपेक्षता के विरोधी उग्र वादियों के समक्ष घुटने नहीं टेके। 

लौह पुरुष: जब निधन हुआ, तब उनके बैंक खाते में थे सिर्फ 260 रुपए - सरदार पटेल की कहानी

'भारत की एकता के सूत्रधार सरदार पटेल की जयंती पर विशेष

जयंती: आज तक रहस्य ही है वैज्ञानिक होमी जहांगीर भाभा की मृत्यु का कारण

आज का दिन केवल भाभा को याद करने का दिन नहीं होना चाहिए ; इस दिन हम सब को भारतीय समाज  को वैज्ञानिक चेतना संपन्न बनाने का संकल्प भी लेना चाहिए ।

वीर! -7 : सावरकर भारतीय संविधान के कटु आलोचक रहे,कहते थे- इसमें कुछ भी भारतीय नहीं

'सावरकर 1857 के स्वाधीनता संग्राम के अपने विश्लेषण में परंपरावादी और कट्टर धार्मिक शक्तियों के साथ खड़े नजर आते हैं।

बिहार में 1912 से अबतक कांग्रेस का इतिहास, भाजपा-नीत एनडीए सरकार का कैसे बनी कारण 

बिहार उपचुनाव में एक सीट पर कांग्रेस का खड़ा होना भाजपा का परोक्ष समर्थन

साबरमती का संत-50: आज़ादी में महज़ महात्मा गांधी के योगदान की ही चर्चा क्यों

'आज अंतिम किस्त: ‘आने वाली नस्लें शायद मुश्किल से ही विश्वास करेंगी कि हाड़-मांस से बना हुआ कोई ऐसा व्यक्ति भी धरती पर चलता-फिरता था’ - आइंस्टीन

इतिहास: मुग़ल बादशाह अकबर के बारे में शिवाजी महाराज ने यह क्या लिख दिया था

'पत्र में शिवाजी के माध्यम से अकबर के प्रति उनकी प्रजा की भावनाएं भी उजागर होती है।

'द क्रुड्स' परिवार की तरह बदल रही दुनिया के साथ बढ़े क़दम तो जानें

क्योंकि अप्रासंगिक हो जाने' से बढ़कर कोई दुःख नहीं-बता रहे हैं मनोवैैैैैैज्ञानिक डॉ. अबरार मुल्तानी

वीर! -5 : सावरकर के दर्शन में प्रतिशोध और प्रतिहिंसा के तत्व कितने - दो

'सावरकर की हिंसा और प्रतिशोध की विचारधारा को समझने के लिए उनकी पुस्तक भारतीय इतिहास के छह स्वर्णिम पृष्ठ का अध्ययन आवश्यक

Load More